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कर्नाटक उच्च न्यायालय में IPL टिकट भगदड़ का मामला

बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर IPL मैच के टिकटों की बिक्री के दौरान हुई भगदड़ का मामला कर्नाटक उच्च न्यायालय में पहुंच गया है। राज्य सरकार ने RCB और BCCI पर लापरवाही का आरोप लगाया है। अदालत ने आयोजकों से सवाल किया है कि जब अधिकांश टिकट ऑनलाइन बेचे जा रहे थे, तब भी ऐसी अव्यवस्था क्यों हुई। सुनवाई जारी है, जिसमें भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जवाब मांगा जा रहा है।
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कर्नाटक उच्च न्यायालय में IPL टिकट भगदड़ का मामला

बेंगलुरु में IPL मैच के दौरान भगदड़ की घटना

बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) मैच के टिकटों की बिक्री के दौरान हुई भगदड़ का मामला अब कर्नाटक उच्च न्यायालय में पहुंच गया है। राज्य सरकार ने इस घटना के लिए रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को जिम्मेदार ठहराया है।


सरकारी अधिकारियों ने अदालत में कहा कि भगदड़ की स्थिति मुख्यतः RCB और BCCI द्वारा भीड़ प्रबंधन में की गई लापरवाही का परिणाम थी। उनका कहना है कि टिकट बिक्री के लिए उचित व्यवस्था नहीं की गई, कतारें सही से नहीं बनाई गईं, और न ही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षाकर्मी या स्वयंसेवक तैनात किए गए थे।


न्यायालय एक याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जो भगदड़ में प्रभावित एक व्यक्ति द्वारा दायर की गई है। कोर्ट ने इस घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए सवाल उठाया है कि जब अधिकांश टिकट ऑनलाइन बेचे जा रहे थे, तब भी इस तरह की अव्यवस्था क्यों हुई। न्यायालय ने आयोजकों (RCB और BCCI) और संबंधित अधिकारियों से पूछा है कि टिकट बिक्री के लिए क्या योजना बनाई गई थी, कितने लोगों के आने की उम्मीद थी, और क्या सभी आवश्यक अनुमतियाँ ली गई थीं।


कर्नाटक सरकार ने अदालत को बताया कि बृहत् बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) और पुलिस विभाग ने पर्याप्त संख्या में कर्मचारी और पुलिस बल तैनात किया था। हालांकि, उनका आरोप है कि आयोजकों की तरफ से सहयोग न मिलने और उनकी खराब व्यवस्था के कारण स्थिति बेकाबू हो गई। सरकार का तर्क है कि आयोजकों ने अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाई, जिससे यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई।


उच्च न्यायालय इस मामले की सुनवाई जारी रखे हुए है और सभी पक्षों से जवाब मांग रहा है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और घटना के लिए जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय की जा सके।