कर्नाटक की गृह लक्ष्मी योजना: लाभार्थियों को फंड की कमी से परेशानी
गृह लक्ष्मी योजना का उद्देश्य और लाभ
बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार की गृह लक्ष्मी योजना महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए बनाई गई है, जिसका मुख्य उद्देश्य घर की महिला मुखिया को सशक्त बनाना है। लेकिन, कई महीनों से फंड न मिलने के कारण लाभार्थियों में चिंता बढ़ गई है। इस योजना के तहत, योग्य महिलाओं को हर महीने 2,000 रुपये दिए जाते हैं, जिससे वे अपने घरेलू खर्चों को संभाल सकें और अपनी आजीविका में सुधार कर सकें।
लाभार्थियों की समस्याएं
राज्य सरकार द्वारा भुगतान में देरी के कारण लाभार्थियों पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है, और वे उम्मीद कर रहे हैं कि फंड का वितरण जल्द ही फिर से शुरू होगा। कुछ लाभार्थियों ने बताया कि उनके खातों में गृह लक्ष्मी फंड जमा नहीं हुआ है, जिससे उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। एक लाभार्थी ने कहा, “तीन महीने हो गए हैं, लेकिन योजना के तहत पिछले तीन महीने का पैसा नहीं आया है। अगर यह मिल जाए, तो हमारे लिए बहुत मददगार होगा। हमारे बच्चे हैं और हमें किराया देना है। हमारा अपना घर नहीं है। अगर पैसा मिल जाता है, तो इससे हमारी स्थिति में सुधार होगा।”
सरकार की प्रतिक्रिया
महिला और बाल विकास मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर के निर्वाचन क्षेत्र बेलगावी में महिलाओं को फंड नहीं मिलने के बाद उन्होंने दो महीने का फंड जारी करने की अपील की। एक अन्य लाभार्थी ने कहा, “सिर्फ पिछले दो महीने का पैसा नहीं मिला है, बाकी का फंड क्रेडिट हो गया है। मंत्री ने हमारे लिए बहुत अच्छा किया है, लेकिन हमें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।”
सरकारी खर्च और विपक्ष की प्रतिक्रिया
यह योजना कांग्रेस सरकार की पांच प्रमुख गारंटियों में से एक है, जिसमें कम आय वाले परिवारों की महिलाओं को हर महीने 2000 रुपये देने का वादा किया गया था। राज्य सरकार इस योजना पर लगभग 28,600 करोड़ रुपये खर्च करती है, जो उसके बजट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। फंड में रुकावट की शिकायतों के बाद, केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने सिद्धारमैया सरकार से सवाल उठाए और महिलाओं को दो महीने का फंड न देने पर स्पष्टीकरण मांगा। विपक्षी पार्टी राज्य सरकार पर फरवरी और मार्च के गृह लक्ष्मी फंड जारी करने का दबाव बना रही है और इन महीनों के फंड के बारे में जांच की मांग कर रही है।
