Newzfatafatlogo

कर्नाटक चुनावों में अलंद क्षेत्र में मतदाता सूची विवाद

कर्नाटक के अलंद विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची से 6,018 नाम हटाने के प्रयासों पर विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया है कि वह वोट चोरों को संरक्षण दे रहा है। चुनाव आयोग ने 24 वैध आवेदनों की स्वीकृति दी है, जबकि 5,994 को अस्वीकार कर दिया गया। जानें इस मामले में चुनाव आयोग की विस्तृत प्रतिक्रिया और जांच की स्थिति के बारे में।
 | 
कर्नाटक चुनावों में अलंद क्षेत्र में मतदाता सूची विवाद

अलंद विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची की जांच

अलंद मतदाता सूची: कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि 2023 के चुनावों से पहले अलंद विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं के नाम हटाने के लिए 6,018 ऑनलाइन आवेदनों की जांच की गई थी, जिसमें से केवल 24 सही पाए गए। चुनाव आयोग ने कहा कि इन मामलों की विस्तृत जानकारी पुलिस को भी दी गई है। यह प्रतिक्रिया कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लगाए गए सुनियोजित 'वोट चोरी' के आरोपों पर थी।


राहुल गांधी ने गुरुवार को चुनाव आयोग और उसके प्रमुख पर आरोप लगाया कि वे वोट चोरों को संरक्षण दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अलंद से प्राप्त आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि हजारों कांग्रेस मतदाताओं के नाम हटाने के लिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने चुनाव आयोग से अनुरोध किया कि यह जानकारी कर्नाटक सीआईडी को सौंपे।


कांग्रेस ने 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले अलंद निर्वाचन क्षेत्र में 6,018 वोटों को हटाने के प्रयासों का विवरण प्रस्तुत किया था। चुनाव आयोग ने पहले इन आरोपों को 'गलत और निराधार' बताया था और कहा था कि प्रभावित मतदाताओं को सुनवाई का मौका दिए बिना नाम नहीं हटाए जा सकते।


चुनाव आयोग का विस्तृत उत्तर


कर्नाटक के चुनाव आयोग ने इस मामले में विस्तृत उत्तर दिया। राज्य चुनाव कार्यालय ने बताया कि अलंद में मतदाता सूची के प्रभारी स्थानीय अधिकारी को दिसंबर 2022 में 6,018 आवेदन प्राप्त हुए। ये आवेदन विभिन्न सरकारी ऐप्स के माध्यम से ऑनलाइन दाखिल किए गए थे। आवेदन की इतनी बड़ी संख्या को देखते हुए, चुनाव अधिकारियों ने 2023 में प्रत्येक आवेदन का विस्तृत सत्यापन किया।


24 वैध अनुरोधों की स्वीकृति


चुनाव कार्यालय ने कहा कि केवल 24 आवेदन सही पाए गए, जबकि 5,994 आवेदन गलत थे। 24 वैध अनुरोधों को स्वीकार कर लिया गया, जबकि बाकी को अस्वीकार कर दिया गया। इन जांचों के आधार पर, अधिकारी ने 21 फरवरी, 2023 को कलबुर्गी जिले के अलंद पुलिस स्टेशन में एक शिकायत दर्ज कराई।


भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार, सीईओ ने बताया कि जांच में सहायता के लिए सभी उपलब्ध जानकारी 6 सितंबर, 2023 को कलबुर्गी के पुलिस अधीक्षक को सौंप दी गई। पुलिस के साथ साझा की गई जानकारी में आवेदनों के संदर्भ क्रमांक, आवेदन जमा करने वालों के नाम, मतदाता पहचान पत्र लॉग इन करने के लिए इस्तेमाल किए गए मोबाइल नंबर, आईपी एड्रेस, आवेदन जमा करने का स्थान और समय शामिल थे।


चुनाव कार्यालय ने यह भी बताया कि जांच की प्रगति की समीक्षा के लिए जांच अधिकारी और पुलिस के साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के साथ बैठकें की गईं। बयान में आगे कहा गया कि कर्नाटक के सीईओ पहले से ही जांच एजेंसी को कोई अन्य सहायता, जानकारी या दस्तावेज उपलब्ध करा रहे हैं।