कर्नाटक मंत्री प्रियांक खड़गे की अमेरिका यात्रा पर विदेश मंत्रालय का यू-टर्न

प्रियांक खड़गे का विदेश मंत्रालय पर आरोप
कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने शनिवार, 21 जून को विदेश मंत्रालय की आलोचना की, यह कहते हुए कि मंत्रालय ने उनकी अमेरिका यात्रा के लिए राजनीतिक मंजूरी देने से मना कर दिया था, लेकिन बाद में अपने फैसले में बदलाव किया। खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया कि मंजूरी अंततः 19 जून को मिली, जो उनके आवेदन के 36 दिन बाद और निर्धारित प्रस्थान से पांच दिन पहले थी।
मामले की पूरी जानकारी
खड़गे ने कहा कि उन्होंने 15 मई को अमेरिका यात्रा की अनुमति मांगी थी, जिसमें उन्हें बोस्टन में बीआईओ इंटरनेशनल कन्वेंशन और सैन फ्रांसिस्को में डिजाइन ऑटोमेशन कॉन्फ्रेंस में कर्नाटक का प्रतिनिधित्व करना था। इसके अलावा, उन्हें प्रमुख कंपनियों और विश्वविद्यालयों के साथ 25 से अधिक बैठकें भी करनी थीं।
अनुरोधों की समयरेखा
खड़गे ने आरोप लगाया कि उनका मूल अनुरोध, जिसमें अधिकारियों को शामिल किया गया था, 4 जून को बिना किसी स्पष्टीकरण के अस्वीकृत कर दिया गया। केवल अधिकारियों के लिए संशोधित आवेदन को 11 जून को मंजूरी दी गई। उन्होंने अपनी पोस्ट में इस प्रक्रिया की समयरेखा साझा की, जिसमें बताया गया कि कैसे उनके आवेदन को बार-बार अस्वीकृत किया गया।
विदेश मंत्री को पत्र
खड़गे ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर अपनी यात्रा की अस्वीकृति पर औपचारिक स्पष्टीकरण मांगा। उन्होंने कहा कि यह यात्रा कर्नाटक के लोगों के प्रति उनकी जिम्मेदारी का हिस्सा है और यह राज्य के लिए निवेश और रोजगार के अवसर पैदा करने में मददगार होगी।
राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ तालमेल
खड़गे ने अपने पत्र में कहा कि ऐसी यात्राएं राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप हैं और प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित 'विकसित भारत' के दृष्टिकोण का समर्थन करती हैं। उन्होंने इस देरी को कर्नाटक के हितों के लिए हानिकारक बताया।