कर्नाटक में जाति जनगणना 2025: मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का बड़ा ऐलान

जाति जनगणना का नया सर्वेक्षण
Karnataka caste census 2025: मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को घोषणा की कि कर्नाटक में एक नई जाति जनगणना कराई जाएगी। उन्होंने पूर्व की रिपोर्ट को खारिज करते हुए बताया कि यह सर्वेक्षण राज्य की सामाजिक स्थिति को समझने के लिए किया जाएगा, जिससे नीतियों और कल्याणकारी योजनाओं को और प्रभावी बनाया जा सके।
पुरानी जनगणना की स्थिति
पुरानी जनगणना को नहीं मिली स्वीकृति
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि 2015 में की गई जाति आधारित जनगणना को सरकार ने आधिकारिक रूप से मान्यता नहीं दी है। उन्होंने कहा कि चूंकि उस सर्वेक्षण को लगभग एक दशक हो चुका है, इसलिए अब समाज में आए नए सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक बदलावों को जानने के लिए नया सर्वेक्षण आवश्यक है।
समाज में विविधता और समानता
विविधता और समानता की खोज
मुख्यमंत्री ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हमारा समाज विभिन्न धर्मों और जातियों से बना है, जिसमें बहुलता के साथ असमानता भी विद्यमान है। संविधान हमें समानता और सामाजिक न्याय की दिशा दिखाता है। इस सर्वेक्षण का उद्देश्य समाज में मौजूद अंतर को समझना और उसे मिटाना है।
सर्वेक्षण में शामिल होने वाले लोग
7 करोड़ लोगों को किया जाएगा शामिल
कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग इस सर्वेक्षण का संचालन करेगा। योजना के तहत राज्य के लगभग 7 करोड़ लोगों को कवर किया जाएगा। हर परिवार को एक विशिष्ट घरेलू पहचान (UID) स्टिकर दिया जाएगा, जिसमें से अब तक 1.55 करोड़ स्टिकर चिपकाए जा चुके हैं।
प्रश्नावली की जानकारी
60 सवालों वाली प्रश्नावली
हर परिवार से उनकी सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और शैक्षिक स्थिति को जानने के लिए 60 प्रश्नों वाली एक फॉर्म भरी जाएगी। सटीकता सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी उपाय भी अपनाए जा रहे हैं, जैसे कि:
1. बिजली मीटर नंबर से जियो-टैगिंग
2. राशन कार्ड और आधार को मोबाइल नंबर से जोड़ना
3. जो लोग जाति की जानकारी नहीं देना चाहते, वे हेल्पलाइन (8050770004) या ऑनलाइन पोर्टल के जरिए डेटा दे सकते हैं।
शिक्षकों की भूमिका
दशहरा की छुट्टियों में शिक्षकों की ड्यूटी
इस कार्य में 1.85 लाख सरकारी शिक्षक शामिल होंगे, जिन्हें दशहरे की छुट्टियों में तैनात किया जाएगा। प्रत्येक शिक्षक को 20,000 रुपये तक का मानदेय मिलेगा, और इस पर कुल 325 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पूरी प्रक्रिया पर सरकार द्वारा 420 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं, जो कि 2015 की तुलना में कहीं अधिक है।
जनता से सहयोग की अपील
जनता दे पूर्ण सहयोग
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जनता से सहयोग की अपील करते हुए कहा, “हर नागरिक से अनुरोध है कि इस सर्वेक्षण में हिस्सा लें और ईमानदारी से जवाब दें। आशा कार्यकर्ता पहले से आवेदन पत्र वितरित करेंगी जिससे आप पहले से तैयार हो सकें।”
अंतिम रिपोर्ट की समयसीमा
रिपोर्ट दिसंबर 2025 तक
मधुसूदन नाइक की अध्यक्षता में गठित आयोग इस सर्वेक्षण को वैज्ञानिक और समावेशी दृष्टिकोण से करेगा। अंतिम रिपोर्ट दिसंबर 2025 तक प्रस्तुत की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के इतने वर्षों बाद भी समाज में असमानताएं मौजूद हैं। इस सर्वेक्षण से हमें सभी वर्गों के लिए सटीक और न्यायपूर्ण योजनाएं तैयार करने में मदद मिलेगी।