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कर्नाटक में परिवहन कर्मचारियों की हड़ताल से यात्रियों को हो रही परेशानी

कर्नाटक में सरकारी परिवहन विभाग के कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है, जिससे यात्रियों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। बेंगलुरु समेत राज्य के कई हिस्सों में बस सेवाएं ठप हो गई हैं, और लोग अब निजी परिवहन साधनों पर निर्भर हो गए हैं। कर्मचारियों की मांगें 38 महीने के बकाया वेतन और प्रस्तावित वेतन वृद्धि को लेकर हैं। जानें इस स्थिति का पूरा विवरण और यात्रियों की परेशानियों के बारे में।
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कर्नाटक में परिवहन सेवाओं का ठप होना

कर्नाटक में मंगलवार को सरकारी परिवहन विभाग के कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है, जिससे रोजमर्रा के यात्रियों के लिए यात्रा करना मुश्किल हो गया है। सरकार और कर्मचारियों के बीच लंबी वार्ता के बावजूद कोई समाधान नहीं निकल सका, जिसके कारण लोग अब निजी परिवहन साधनों पर निर्भर हो गए हैं। बेंगलुरु सहित राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में लाखों लोग KSRTC और BMTC की बसों पर निर्भर करते हैं, लेकिन अब ये सेवाएं ठप हो गई हैं। सोमवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी की यूनियन नेताओं के साथ बातचीत अंतिम प्रयास था, लेकिन सहमति नहीं बन सकी।


यात्रियों को अब ओला, उबर, रैपिडो जैसी सेवाओं या निजी बसों का सहारा लेना पड़ रहा है। हालांकि, सरकार ने अस्थायी राहत के लिए निजी बस ऑपरेटरों की सहायता से परिवहन सेवाएं बहाल करने का प्रयास किया है। बेंगलुरु में ऐप-बेस्ड कैब और ऑटो रिक्शा की मांग में अचानक वृद्धि हुई है। लेकिन सरकार द्वारा लगाए गए पुराने प्रतिबंधों के कारण बाइक टैक्सी सेवाएं अभी उपलब्ध नहीं हैं, जिससे कई लोग परेशान हैं।


कर्मचारी संघों की मांगें मुख्य रूप से 38 महीने के बकाया वेतन और 1 जनवरी 2024 से प्रस्तावित वेतन वृद्धि को लेकर हैं। सरकार ने केवल दो साल का बकाया चुकाने का प्रस्ताव दिया है, जिसे यूनियनों ने अस्वीकार कर दिया। केएसआरटीसी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष एचवी अनंत सुब्बाराव ने स्पष्ट किया है कि जब तक पूरी बकाया राशि और वेतन वृद्धि की स्पष्ट गारंटी नहीं दी जाती, तब तक वे काम पर नहीं लौटेंगे।