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कर्नाटक में रूसी महिला और उसकी बेटियों का जंगल में रहना: एक अनोखी कहानी

कर्नाटक के गोकर्ण में एक रूसी महिला ने अपनी दो बेटियों के साथ एक खतरनाक गुफा में निवास किया, जहां वह ध्यान और प्रार्थना के लिए आई थी। पुलिस ने गश्त के दौरान उन्हें खोज निकाला और सुरक्षित स्थान पर भेजा। इस मामले में आध्यात्मिकता, सुरक्षा और वीजा नियमों का अनोखा मेल देखने को मिला। जानें इस अनोखी कहानी के बारे में।
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कर्नाटक में रूसी महिला और उसकी बेटियों का जंगल में रहना: एक अनोखी कहानी

खतरनाक गुफा में रह रही थी महिला

कर्नाटक के गोकर्ण के जंगलों से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक रूसी महिला अपनी दो छोटी बेटियों के साथ एक खतरनाक गुफा में निवास कर रही थी। उसने बताया कि वह शहरी जीवन की भागदौड़ से दूर ध्यान और प्रार्थना के लिए एकांत की तलाश में यहां आई थी। यह मामला तब उजागर हुआ जब पुलिस ने क्षेत्र में गश्त के दौरान जंगल में हलचल देखी।


महिला की सुरक्षा पर सवाल

पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि महिला बिना किसी सुरक्षा उपाय के एक खतरनाक स्थान पर रह रही थी, जहां पहले भूस्खलन हो चुका था और जहरीले सांपों जैसे वन्य जीवों का खतरा था। इस मामले में आध्यात्मिकता, सुरक्षा और विदेशी वीजा नियमों का अनोखा मेल देखने को मिला है।


ध्यान के लिए गुफा का चयन

रूसी महिला नीना कुटीना ने बताया कि वह गोवा से गोकर्ण केवल ध्यान और प्रार्थना के लिए आई थी। उसने रामतीर्थ पहाड़ी की एक खतरनाक गुफा को अपना ठिकाना बना लिया था, जहां वह अपनी दो बेटियों – प्रेमा (6 वर्ष 7 महीने) और अमा (4 वर्ष) के साथ रह रही थी। हालांकि उसका इरादा आध्यात्मिक था, लेकिन यह स्थान बच्चों की सुरक्षा के लिए बेहद खतरनाक था।


पुलिस ने किया रेस्क्यू

9 जुलाई की शाम, गोकर्ण पुलिस जब पहाड़ी क्षेत्र में गश्त कर रही थी, तब उन्होंने जंगल में हलचल देखी और वहां पहुंचकर इस परिवार को पाया। महिला की काउंसलिंग के बाद उसे सुरक्षित बाहर निकाला गया। नीना के अनुरोध पर उसे कुमटा के बंकिकोडला गांव के एक आश्रम में भेजा गया, जो स्वामी योगरत्न सरस्वती द्वारा संचालित है।


वीजा की स्थिति

पूछताछ के दौरान महिला ने अपने पासपोर्ट और वीजा की जानकारी देने में हिचकिचाहट दिखाई। बाद में, तलाशी अभियान में उसके दस्तावेज जंगल से बरामद हुए। जांच में पता चला कि नीना का बिजनेस वीजा 2017 में वैध था, लेकिन उसकी वैधता समाप्त हो चुकी थी और वह 2018 में दोबारा भारत आई थी।