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कर्नाटक में सामूहिक दफन मामले में नई खोज, मानव हड्डियां बरामद

कर्नाटक के धर्मस्थल में सामूहिक दफन के आरोपों से जुड़े मामले में SIT ने छठे दफन स्थल से मानव हड्डियां बरामद की हैं। यह खोज मामले की गंभीरता को और बढ़ा देती है, जिसमें बलात्कार और हत्या के आरोप शामिल हैं। व्हिसलब्लोअर के दावों के अनुसार, यहां 8 शवों को दफनाने का दावा किया गया था। SIT ने खुदाई की प्रक्रिया को तेज कर दिया है और बरामद हड्डियों का डीएनए विश्लेषण किया जाएगा। इस मामले की जांच की निगरानी के लिए सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट की मांग की गई है।
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कर्नाटक में सामूहिक दफन मामले में नई खोज, मानव हड्डियां बरामद

धर्मस्थल में सामूहिक दफन की जांच में नया मोड़

कर्नाटक के मंगलुरु जिले में धर्मस्थल मंदिर शहर में सामूहिक दफन के आरोपों से संबंधित मामले में एक नया और गंभीर मोड़ आया है। विशेष जांच दल (SIT) ने छठे दफन स्थल की खुदाई के दौरान मानव हड्डियां बरामद की हैं, जो इस मामले की जांच में महत्वपूर्ण साबित हो सकती हैं। यह खोज न केवल पुलिस और प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण है, बल्कि पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया है, क्योंकि इसमें बलात्कार और हत्या जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।


सूत्रों के अनुसार, SIT ने वन क्षेत्र में स्थित छठे दफन स्थल से दो हड्डियां प्राप्त की हैं। यह व्हिसलब्लोअर के दावों को और मजबूत करता है, जिसने इसी स्थल पर 8 शवों को दफनाने का दावा किया था।


इस खोज के बाद, SIT ने खुदाई की प्रक्रिया को और अधिक सावधानीपूर्वक और विस्तृत तरीके से आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। SIT प्रमुख डीजीपी पी. मोहंती और डीआईजी एम.एन. अनुचेत ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।


बरामद हड्डियों का दस्तावेजीकरण किया जाएगा और आगे की जांच के लिए फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी में भेजा जाएगा। यह डीएनए विश्लेषण इस मामले में महत्वपूर्ण सबूत साबित हो सकता है।


व्हिसलब्लोअर ने SIT को एक खोपड़ी भी सौंपी है, जिसे कथित तौर पर दफन स्थल से निकाला गया था। पहले दफन स्थल से भी कुछ सबूत मिले हैं, जैसे एक लाल फटा हुआ ब्लाउज और लक्ष्मी नाम की एक महिला का पैन कार्ड।


इस मामले के गुमनाम शिकायतकर्ता ने 11 जुलाई को अदालत में पेश होकर बताया कि उसे धर्मस्थल गांव में बलात्कार और हत्या की शिकार हुई महिलाओं और लड़कियों के शवों को दफनाने के लिए मजबूर किया गया था।


एक सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश और कार्यकर्ताओं ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट की निगरानी में SIT जांच की मांग की है।


डीजीपी और आईजीपी ने SIT को जांच में सहायता के लिए अतिरिक्त पुलिस कर्मियों की नियुक्ति का आदेश दिया है। बारिश के बावजूद, खुदाई का काम लगातार जारी है।