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कलकत्ता हाईकोर्ट ने इंस्टाग्राम क्रिएटर शर्मिष्ठा पनोली को जमानत देने से किया इनकार

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने इंस्टाग्राम कंटेंट क्रिएटर शर्मिष्ठा पनोली को जमानत देने से इनकार कर दिया है। उन्हें एक वायरल वीडियो में आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमाओं पर प्रकाश डाला और कहा कि सोशल मीडिया का जिम्मेदारी से उपयोग होना चाहिए। मामले की अगली सुनवाई में यह तय किया जाएगा कि उन्हें नियमित जमानत दी जा सकती है या नहीं। जानें इस मामले की पूरी जानकारी।
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कलकत्ता हाईकोर्ट ने इंस्टाग्राम क्रिएटर शर्मिष्ठा पनोली को जमानत देने से किया इनकार

अंतरिम जमानत का आवेदन खारिज

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को इंस्टाग्राम कंटेंट क्रिएटर शर्मिष्ठा पनोली की अंतरिम जमानत की याचिका को अस्वीकार कर दिया। उन्हें हाल ही में एक वायरल वीडियो में एक समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। यह वीडियो ऑपरेशन सिंदूर के बाद साझा किया गया था और अब इसे हटा दिया गया है।


अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमाएं

अभिव्यक्ति की आज़ादी असीमित नहीं

अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि संविधान द्वारा दी गई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अनियंत्रित नहीं है और इसका उपयोग करते समय दूसरों की धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक भावनाओं का सम्मान करना आवश्यक है। न्यायालय ने कहा, “हमारे पास बोलने की आज़ादी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप किसी अन्य व्यक्ति या समुदाय को ठेस पहुंचाएं।”


भारत की विविधता का महत्व

देश की विविधता का किया उल्लेख

न्यायमूर्ति ने भारत की सामाजिक विविधता को उजागर करते हुए कहा कि यह देश विभिन्न जातियों, धर्मों और पंथों का घर है, इसलिए सार्वजनिक मंचों पर बोलते समय संयम आवश्यक है। उन्होंने कहा, “ऐसे बयान जो समाज के किसी वर्ग को आहत करते हैं, उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हमें यह ध्यान में रखना चाहिए कि शब्दों का समाज पर प्रभाव पड़ता है।”


गिरफ्तारी का कारण बना वायरल वीडियो

वायरल वीडियो बना गिरफ्तारी की वजह

रिपोर्टों के अनुसार, शर्मिष्ठा पनोली द्वारा बनाए गए वीडियो को सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से देखा गया, जिससे एक विशेष समुदाय की भावनाएं आहत हुईं। याचिकाकर्ता के वकीलों ने तर्क किया कि वीडियो अब हटा दिया गया है, लेकिन अदालत ने कहा कि इसका प्रभाव पहले ही फैल चुका है।


कोर्ट की सख्त चेतावनी

कोर्ट की सख्त टिप्पणी

अदालत ने कहा कि सोशल मीडिया एक प्रभावशाली माध्यम है और इसकी पहुंच बहुत व्यापक है, इसलिए इसे जिम्मेदारी से उपयोग करना चाहिए। “केवल माफी मांगना या वीडियो हटाना पर्याप्त नहीं है, यदि पहले ही नुकसान हो चुका हो।”


अगली सुनवाई का इंतजार

अगली सुनवाई पर निर्णय की संभावना

इस समय, शर्मिष्ठा पनोली को कोई राहत नहीं मिली है। मामले की अगली सुनवाई में यह देखा जाएगा कि क्या उन्हें नियमित जमानत दी जा सकती है या नहीं।