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कलेसर राष्ट्रीय उद्यान में फायर लाइनों का नया उपयोग: वन्य जीवों के लिए चारे की बुवाई

कलेसर राष्ट्रीय उद्यान में फायर लाइनों में चारे की बुवाई की गई है, जिससे जंगली जानवरों को भोजन मिलेगा और पर्यटकों को इन जीवों को देखने का अवसर मिलेगा। यह पहल न केवल वन्य जीवन को समर्थन देगी, बल्कि स्थानीय किसानों को भी फसलों के नुकसान से बचाएगी। जानिए इस नई व्यवस्था के बारे में और कैसे यह वन्य पर्यटन को बढ़ावा देगी।
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कलेसर राष्ट्रीय उद्यान में फायर लाइनों का नया उपयोग: वन्य जीवों के लिए चारे की बुवाई

कलेसर राष्ट्रीय उद्यान: प्राकृतिक सौंदर्य और वन्य जीवन

कलेसर (यमुनानगर), Kalesar National Park: यह उद्यान अपनी प्राकृतिक सुंदरता, जैव विविधता और समृद्ध वन संपदा के लिए जाना जाता है। यहां आग नियंत्रण के लिए बनाई गई फायर लाइनों का अब एक नया उद्देश्य है, जो जंगली जानवरों के लिए भोजन का स्रोत भी बनेगा। वन विभाग ने इन फायर लाइनों में ट्रैक्टर से हैरो चलाकर भूमि को समतल किया और वहां गेहूं, सरसों और जई की बुवाई की है।


फायर लाइनों में चारे की बुवाई

यह क्षेत्र शिवालिक पर्वत श्रृंखला की तलहटी में स्थित है और हरियाणा का एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान है, जहां हाथी, तेंदुआ, सांभर, नीलगाय, जंगली सुअर, खरगोश, मोर और तोते जैसे कई वन्य जीव निवास करते हैं। वन विभाग ने फायर लाइनों में हरा चारा तैयार करने की पहल की है। ये फायर लाइनें जंगलों में आग लगने की स्थिति में आग को फैलने से रोकने के लिए बनाई जाती हैं।


पर्यटकों के लिए वन्य जीवों का दीदार

जिला वन्य प्राणी विभाग के इंस्पेक्टर लीलू राम ने बताया कि जंगली जानवर नियमित रूप से फायर लाइनों में घास और फसलों को खाने आते हैं। अब पर्यटक भी सुरक्षित दूरी से इन जीवों को देख सकेंगे। यह व्यवस्था न केवल वन्य जीवों के लिए भोजन का स्रोत बनेगी, बल्कि वन्य पर्यटन को भी बढ़ावा देगी। आने वाले महीनों में, पर्यटक सांभर, नीलगाय, खरगोश और अन्य घास खाने वाले जीवों को खुले मैदानों में चरते हुए देख सकेंगे।


ग्रामीणों की प्रतिक्रिया

इस पहल से फसलों को नुकसान कम होने की उम्मीद है, जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग और ग्रामीण सड़कों पर दुर्घटनाओं की संभावना भी घटेगी। ग्रामीणों ने इस कदम का स्वागत किया है, क्योंकि पहले जंगली जानवर खेतों में घुसकर फसलें नष्ट कर देते थे, जिससे किसानों को भारी नुकसान होता था। अब यदि उन्हें जंगल में पर्याप्त भोजन मिल जाएगा, तो नुकसान में कमी आएगी।