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कश्मीर मुद्दे पर Erdogan का बयान: भारत-पाकिस्तान के बीच शांति की अपील

तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर के मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान से विवाद का शांतिपूर्ण समाधान निकालने की अपील की है। उन्होंने हालिया युद्धविराम पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि कश्मीर का हल बातचीत और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के माध्यम से होना चाहिए। एर्दोगन ने कश्मीर के लोगों के अधिकारों की रक्षा का भी आश्वासन दिया। भारत ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया।
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कश्मीर मुद्दे पर Erdogan का बयान: भारत-पाकिस्तान के बीच शांति की अपील

तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन का कश्मीर पर बयान

तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन: पाकिस्तान के करीबी सहयोगी तुर्की के राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में कश्मीर के मुद्दे को उठाते हुए भारत और पाकिस्तान से विवाद का शांतिपूर्ण समाधान निकालने की अपील की। उन्होंने मंगलवार को कहा कि तुर्की भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए युद्धविराम से संतुष्ट है और कश्मीर का समाधान बातचीत और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के माध्यम से होना चाहिए। यह संदेश एर्दोगन ने 80वें सत्र में एकत्रित विश्व नेताओं के समक्ष दिया।


युद्धविराम पर संतोष

एर्दोगन ने कहा कि अप्रैल में भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव और उसके बाद हुए सैन्य संघर्ष के बाद हुए युद्धविराम से वे खुश हैं। कश्मीर का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों के आधार पर बातचीत से हल होना चाहिए, जो कश्मीर के लोगों के सर्वोत्तम हित में है। उन्होंने कश्मीर के लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया।


पिछले साल की चुप्पी

यह पहली बार नहीं है जब एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का मुद्दा उठाया है। हालांकि, पिछले साल 2024 में उन्होंने अपने भाषण में जम्मू-कश्मीर का उल्लेख नहीं किया था। इसका कारण तुर्की की ब्रिक्स समूह में शामिल होने की रणनीति थी, क्योंकि भारत ब्रिक्स का एक महत्वपूर्ण सदस्य है। तुर्की ने इस प्रक्रिया के दौरान कश्मीर पर टिप्पणी करने से बचने का निर्णय लिया।


फिर से पुराने रुख की ओर वापसी

इस वर्ष एर्दोगन ने पाकिस्तान की यात्रा के दौरान भी कश्मीर विवाद पर अपनी पुरानी नीतिवादी स्थिति को दोहराया। उन्होंने कहा कि कश्मीर का हल संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों और कश्मीर के लोगों की इच्छाओं को ध्यान में रखते हुए किया जाना चाहिए। एर्दोगन ने यह भी कहा कि तुर्की हमेशा कश्मीर के लोगों के साथ एकजुट रहेगा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए खड़ा है।


भारत की कड़ी प्रतिक्रिया

तुर्की के बयान पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और किसी अन्य देश को इस पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि तुर्की को भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली पाकिस्तान की नीति पर सवाल उठाना चाहिए, जो कश्मीर के लोगों के लिए सबसे बड़ा खतरा है।