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कश्मीर में युवाओं को सोशल मीडिया के खतरे से बचाने की चेतावनी

काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर ने कश्मीर के युवाओं को पाकिस्तान आधारित आतंकी हैंडलर्स द्वारा संचालित भ्रामक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से सावधान रहने की चेतावनी दी है। हाल में की गई छापेमारी में कई युवाओं की पहचान की गई है जो इन नेटवर्क्स का हिस्सा थे। CIK ने युवाओं को सोशल मीडिया का जिम्मेदार उपयोग करने और किसी भी लालच पर तुरंत पुलिस से संपर्क करने की सलाह दी है। यह चेतावनी कश्मीर में बढ़ते डिजिटल खतरों को उजागर करती है।
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कश्मीर में युवाओं को सोशल मीडिया के खतरे से बचाने की चेतावनी

कश्मीर के युवाओं के लिए चेतावनी

काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर (CIK) ने कश्मीर के युवाओं को पाकिस्तान से संचालित आतंकवादी हैंडलर्स द्वारा चलाए जा रहे भ्रामक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से सावधान रहने की सख्त सलाह दी है। यह चेतावनी हाल ही में पाकिस्तानी कमांडरों से जुड़े एक नेटवर्क पर की गई कार्रवाई के बाद आई है।


कश्मीर घाटी में छापेमारी का अभियान

कश्मीर घाटी में बड़े पैमाने पर छापेमारी

CIK ने कश्मीर घाटी में दस विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की, जिसके परिणामस्वरूप एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ। CIK के SSP ताहिर अशरफ ने बताया, "हमने कश्मीर में दस स्थानों पर छापेमारी की और उन मॉड्यूल्स को नष्ट किया, जो विभिन्न पाकिस्तानी आतंकी कमांडरों और हैंडलर्स द्वारा संचालित थे, जिनसे लोग संपर्क में थे और कई गतिविधियों की योजना बना रहे थे।" इस ऑपरेशन में यह भी पता चला कि 16 से 25 वर्ष की आयु के कई युवा इस नेटवर्क का हिस्सा थे। अशरफ ने कहा, "इस घटना में कई लोगों की पहचान की गई है, खासकर 16-25 वर्ष के युवा जो इसमें शामिल हैं।"


सोशल मीडिया का जिम्मेदार उपयोग

सोशल मीडिया का जिम्मेदार उपयोग जरूरी

CIK ने युवाओं को सोशल मीडिया का उपयोग सावधानी और जिम्मेदारी से करने की सलाह दी है। अशरफ ने कहा, "युवाओं को सोशल मीडिया का उपयोग समझदारी से करना चाहिए। यदि कोई उन्हें लालच दे, तो उन्हें तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन जाना चाहिए।" CIK ने यह भी बताया कि पिछले कुछ महीनों में पांच से छह ऐसे मॉड्यूल्स को नष्ट किया गया है।


आतंकी नेटवर्क का सोशल मीडिया के माध्यम से शिकार

आतंकी नेटवर्क का सोशल मीडिया के जरिए शिकार

CIK के अनुसार, पाकिस्तानी हैंडलर्स सोशल मीडिया ऐप्स के माध्यम से युवाओं को अपने जाल में फंसाते हैं। यह कश्मीर में बढ़ते डिजिटल खतरों को उजागर करता है, जिससे युवाओं को सतर्क रहने की आवश्यकता है।