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कश्मीरी पंडित नर्स सरला भट्ट हत्या मामले में SIA की बड़ी कार्रवाई

श्रीनगर में कश्मीरी पंडित नर्स सरला भट्ट की हत्या के मामले में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) ने महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। एजेंसी ने JKLF के पूर्व प्रमुख यासीन मलिक के आवास सहित कई स्थानों पर छापे मारे हैं। यह कार्रवाई 1990 के दशक में कश्मीरी पंडितों के खिलाफ हुए हमलों की पुनः जांच के तहत की गई है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और SIA की कार्रवाई के पीछे की वजह।
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कश्मीरी पंडित नर्स सरला भट्ट हत्या मामले में SIA की बड़ी कार्रवाई

कश्मीरी पंडित नर्स सरला भट्ट हत्या मामले में कार्रवाई

Kashmiri Pandit murders Case: कश्मीरी पंडित नर्स सरला भट्ट की हत्या के मामले में श्रीनगर में मंगलवार को महत्वपूर्ण कार्रवाई की गई। स्पेशल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) ने शहर के आठ विभिन्न स्थानों पर छापे मारे। इनमें जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के पूर्व प्रमुख यासीन मलिक का आवास भी शामिल था, साथ ही कई पूर्व कमांडरों के ठिकाने भी। उपराज्यपाल प्रशासन ने हाल ही में 1990 के दशक में कश्मीरी पंडितों के हत्याकांडों की फिर से जांच शुरू करने का निर्णय लिया था, जिसके तहत यह कार्रवाई की गई।


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अप्रैल 1990 में हुई इस हत्या की जांच के लिए SIA की यह पहली छापेमारी है। उस समय घाटी में कश्मीरी पंडितों पर कई हमले हो रहे थे। सरला भट्ट शेर-ए-कश्मीर इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में नर्स थीं और हॉस्टल में निवास करती थीं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनका अपहरण हॉस्टल से किया गया था और अगले दिन श्रीनगर के सौरा क्षेत्र में उनकी हत्या कर दी गई थी।


यासीन मलिक के आवास पर छापेमारी

यासीन मलिक के घर की तलाशी


रेड जिन स्थानों पर की गई, उनमें से अधिकांश JKLF के पूर्व कमांडरों के ठिकाने थे। श्रीनगर के मैसूमा क्षेत्र में यासीन मलिक के घर की भी तलाशी ली गई। इसके अलावा, पूर्व JKLF नेता पीर नूरुल हक शाह उर्फ एयर मार्शल के आवास पर भी छापेमारी की गई।


दस्तावेज और सबूत जब्त

कई दस्तावेज और सबूत कब्जे में 


इस मामले की शुरुआत निगीन पुलिस स्टेशन में दर्ज FIR से हुई थी। बाद में केस को आगे की जांच के लिए SIA को सौंप दिया गया। एजेंसी के अधिकारियों ने छापे के दौरान कई दस्तावेज और संभावित सबूत अपने कब्जे में लिए हैं।


पुराने मामलों की फिर से जांच

पुराने मामले को फिर से खोले


उपराज्यपाल प्रशासन के आदेश के बाद हाल में कई पुराने मामलों को फिर से खोला गया है। इनमें विशेष रूप से 1990 के शुरुआती वर्षों में कश्मीरी पंडितों पर हुए हमलों और हत्याओं के केस शामिल हैं। सरकार का कहना है कि इन मामलों की पूरी जांच की जाएगी ताकि पीड़ित परिवारों को न्याय मिल सके।


दोषियों को न्याय दिलाने की प्रक्रिया

दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने की तैयारी


SIA की कार्रवाई को लेकर घाटी में चर्चा तेज हो गई है। यह मामला तीन दशक से अधिक पुराना होने के बावजूद आज भी कश्मीरी पंडित समुदाय के लिए एक दर्दनाक याद है। जांच एजेंसी का कहना है कि वह हर पहलू से साक्ष्य जुटा रही है और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।