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कांग्रेस अध्यक्ष ने डिप्टी स्पीकर चुनाव की मांग की

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर लोकसभा में डिप्टी स्पीकर के चुनाव की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने बताया कि 18वीं लोकसभा के एक वर्ष बीत जाने के बावजूद यह पद खाली है, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए चिंताजनक है। खड़गे ने संविधान के अनुच्छेद 93 का हवाला देते हुए चुनाव प्रक्रिया को जल्द शुरू करने की अपील की है।
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कांग्रेस अध्यक्ष ने डिप्टी स्पीकर चुनाव की मांग की

डिप्टी स्पीकर के चुनाव की आवश्यकता

नई दिल्ली। कांग्रेस के प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकसभा में तुरंत डिप्टी स्पीकर का चुनाव कराने की अपील की है। इसके लिए उन्होंने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा। उल्लेखनीय है कि 18वीं लोकसभा के एक वर्ष पूरे होने के बावजूद डिप्टी स्पीकर का चुनाव अभी तक नहीं हुआ है। इससे पहले 17वीं लोकसभा में भी यह पद खाली रहा। खड़गे ने पत्र में इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए लिखा, 'आजाद भारत के इतिहास में पहली बार यह पद लगातार दो लोकसभा कार्यकालों के लिए खाली रहा है।'


खड़गे ने अपनी चिट्ठी में कहा, '17वीं लोकसभा के दौरान कोई उपाध्यक्ष नहीं चुना गया था। यह एक चिंताजनक मिसाल है जो वर्तमान 18वीं लोकसभा में भी जारी है। यह भारत की लोकतांत्रिक राजनीति के लिए शुभ संकेत नहीं है और संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन करता है।' उल्लेखनीय है कि अब तक देश में 14 डिप्टी स्पीकर रह चुके हैं और आमतौर पर यह पद विपक्षी पार्टी को दिया जाता रहा है। हालांकि, बाद में सत्तारूढ़ दलों ने अपने सहयोगियों या किसी निरपेक्ष दल को यह पद देने की प्रवृत्ति अपनाई।


नरेंद्र मोदी की पहली सरकार ने 16वीं लोकसभा में एनडीए के सहयोगी दल अन्ना डीएमके के सांसद थंबीदुरई को यह पद सौंपा था। 17वीं लोकसभा में किसी को भी डिप्टी स्पीकर नहीं बनाया गया था। 18वीं लोकसभा में एक साल बीत जाने के बाद भी यह पद खाली है। खड़गे ने लिखा, 'मैं लोकसभा में उपाध्यक्ष के पद के खाली होने के संबंध में मौजूदा अत्यंत चिंताजनक मामले की ओर आपका ध्यान आकर्षित करने के लिए लिख रहा हूं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 93 में लोकसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों के चुनाव का प्रावधान है।' उन्होंने आगे कहा, 'पहले की बातों को ध्यान में रखते हुए और सदन की सम्मानित परंपराओं और हमारी संसद के लोकतांत्रिक मूल्यों को ध्यान में रखते हुए मैं आपसे बिना किसी देरी के लोकसभा के उपाध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया आरंभ करने का अनुरोध करता हूं।'