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कांग्रेस का नया स्वास्थ्य अभियान: बिहार में मुफ्त सैनिटरी पैड वितरण

कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एक नया स्वास्थ्य अभियान शुरू किया है, जिसमें 5 लाख महिलाओं को मुफ्त सैनिटरी पैड वितरित किए जाएंगे। इस पहल का उद्देश्य महिला स्वास्थ्य और स्वच्छता को बढ़ावा देना है। हालांकि, इस पर NDA की ओर से तीखी प्रतिक्रियाएं आई हैं। जानें इस योजना के पीछे के उद्देश्य और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं।
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कांग्रेस का नया स्वास्थ्य अभियान: बिहार में मुफ्त सैनिटरी पैड वितरण

कांग्रेस का स्वास्थ्य अभियान

पटना (04 जुलाई 2025) — बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर, कांग्रेस ने एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य पहल की घोषणा की है। पार्टी ने शुक्रवार को बताया कि वह राज्यभर में 5 लाख महिलाओं को मुफ्त सैनिटरी पैड वितरित करेगी। यह योजना 'माई‑बहन मान योजना' के तहत लागू की जाएगी, जिसमें पैड के कवर पर राहुल गांधी की तस्वीर भी होगी।


इस कदम का उद्देश्य महिला स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। कांग्रेस का मानना है कि इस प्रकार के कार्यक्रम नारी सुरक्षा, स्वास्थ्य जागरूकता और सामाजिक सम्मान को बढ़ावा देंगे। इसके साथ ही, योजना के अंतर्गत पात्र परिवारों की महिलाओं को ₹2,500 प्रति माह की सम्मान राशि देने का भी वादा किया गया है।


हालांकि, इस पहल पर NDA की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई है। भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा कि “सैनिटरी पैड पर राहुल गांधी की तस्वीर बिहार की महिलाओं का अपमान है। कांग्रेस महिला विरोधी पार्टी है।” वहीं, JDU के नीरज कुमार ने इसे “गरीबों की राजनीति” और “अनुचित प्रचार” करार दिया। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा–JDU सरकार पहले से ही महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए कई सकारात्मक कदम उठा रही है।


विपक्ष में शामिल RJD ने इस मुद्दे पर मध्यस्थता का रुख अपनाया है। RJD प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि कई दल अपनी योजनाओं पर छवियां लगाते रहे हैं, और इसमें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा ने भाजपा की आलोचना को “महिला विरोधी सोच” बताते हुए कहा कि राहुल गांधी की तस्वीर से बड़ा सवाल यह है कि बिहार की कितनी लड़कियाँ अभी भी कपड़े का इस्तेमाल कर रही हैं।


विश्लेषकों का मानना है कि यह अभियान महिलाओं को लक्षित करने का स्पष्ट चुनावी प्रयास है। पैड पर तस्वीर लगाना कांग्रेस की छवि को मजबूत करने का एक प्रयास है, जबकि विपक्ष इसे चुनावी चांस के रूप में देख रहा है।