कांग्रेस की बैठक में हंगामा: कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट

कांग्रेस की बैठक में हंगामे की घटना
कांग्रेस की बैठक में बवाल: उधम सिंह नगर के रुद्रपुर में 4 सितंबर को कांग्रेस पार्टी की 'संगठन सृजन अभियान' बैठक के दौरान हंगामा हुआ। सिटी क्लब में आयोजित इस बैठक में कार्यकर्ताओं के बीच तीखी बहस और हाथापाई की घटनाएं सामने आईं। यह सब तब हुआ जब पार्टी के पर्यवेक्षक कार्यकर्ताओं से नगर इकाई के गठन पर राय ले रहे थे।
बैठक के दौरान, जब दो गुटों के बीच बहस शुरू हुई, तो माहौल तनावपूर्ण हो गया। पर्यवेक्षक कार्यकर्ताओं की राय जानने में लगे थे, तभी किसी मुद्दे पर असहमति ने तूल पकड़ लिया। देखते ही देखते बहस गाली-गलौच में बदल गई और दोनों पक्षों के बीच लात-घूंसे चलने लगे। इस हंगामे ने बैठक में अफरा-तफरी का माहौल बना दिया।
लात-घुसे, चप्पल जूते! रुद्रपुर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक में बवाल, वीडियो में देखें कैसे आपस में भिड़े नेता#Uttrakhand pic.twitter.com/caNNAwrB3S
— Hemraj Singh Chauhan (@JournoHemraj) September 5, 2025
पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में बिगड़ा माहौल
बैठक में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के पर्यवेक्षक डॉ. नरेश कुमार, पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा और अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थित थे। पर्यवेक्षक हरेंद्र बोरा ने कहा, "आज केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर डॉ. नरेश कुमार के नेतृत्व में रुद्रपुर महानगर अध्यक्ष पद के लिए कार्यकर्ताओं से बात की जा रही थी। तभी किसी बात को लेकर कार्यकर्ताओं में बहस हो गई।" उन्होंने यह भी कहा कि हंगामा करने वाले कार्यकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में तनाव और कहासुनी
कांग्रेस नेता संजय जुनेजा ने बताया, "पूरे देश में कांग्रेस का संगठन सृजन कार्यक्रम चल रहा है, जिसके तहत रुद्रपुर में भी यह बैठक आयोजित की गई थी। सुबह 11:30 बजे शुरू हुई बैठक में पहले भी हल्की-फुल्की कहासुनी हुई थी, लेकिन किसी को नहीं पता था कि यह इतना गंभीर रूप ले लेगी।" इस घटना ने पार्टी की एकता और अनुशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
संगठन सृजन अभियान का उद्देश्य
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी द्वारा चलाया जा रहा संगठन सृजन अभियान पार्टी को मजबूत करने के लिए शुरू किया गया है। इसके तहत सक्रिय और समर्पित कार्यकर्ताओं को जिलाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया जाएगा, जबकि निष्क्रिय कार्यकर्ताओं को हटाने की प्रक्रिया भी चलेगी। रुद्रपुर की इस बैठक का उद्देश्य भी यही था, लेकिन हंगामे ने इस प्रक्रिया को प्रभावित किया।
नेताओं ने शांति की कोशिश की
पर्यवेक्षकों और वरिष्ठ नेताओं ने हंगामे को शांत करने की पूरी कोशिश की, लेकिन कार्यकर्ता किसी की सुनने को तैयार नहीं थे। काफी प्रयासों के बाद स्थिति पर काबू पाया गया। इस घटना ने स्थानीय स्तर पर पार्टी की छवि को प्रभावित किया है और नेतृत्व के सामने अनुशासन बनाए रखने की चुनौती खड़ी कर दी है।