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कांग्रेस की मनरेगा पर नई रणनीति: ग्रामीण रोजगार को लेकर राजनीतिक अभियान

कांग्रेस पार्टी मनरेगा के मुद्दे को राजनीतिक रूप से सक्रिय रखने के लिए एक नई रणनीति पर काम कर रही है। पार्टी का लक्ष्य VB-G RAM G Act 2025 के खिलाफ एक व्यापक अभियान चलाना है, जो ग्रामीण गरीबों और वंचित वर्गों को प्रभावित कर सकता है। आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए, कांग्रेस ग्रामीण रोजगार को एक महत्वपूर्ण जन मुद्दा मानती है। इस रणनीति में तृणमूल कांग्रेस का भी महत्वपूर्ण सहयोग है। सोनिया गांधी ने सरकार के खिलाफ इस मुद्दे पर दबाव बनाने की बात कही है, हालांकि पार्टी को जमीनी स्तर पर चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
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कांग्रेस की मनरेगा पर नई रणनीति: ग्रामीण रोजगार को लेकर राजनीतिक अभियान

कांग्रेस की नई रणनीति


नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी मनरेगा के मुद्दे को राजनीतिक रूप से सक्रिय रखने की योजना बना रही है। इसी संदर्भ में आज नई दिल्ली में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित होने जा रही है। यूपीए सरकार के समय की मनरेगा योजना के स्थान पर VB-G RAM G Act 2025 को राष्ट्रपति की स्वीकृति मिल चुकी है।


इसके बाद कांग्रेस इस नए कानून के खिलाफ एक व्यापक राजनीतिक अभियान शुरू करने की योजना बना रही है। कांग्रेस के लिए मनरेगा केवल एक योजना नहीं है, बल्कि यह उसकी नीतिगत पहचान और राजनीतिक विरासत का हिस्सा है। पार्टी इसे ग्रामीण रोजगार और आजीविका से जोड़कर प्रस्तुत करती रही है।


कांग्रेस का क्या है प्लान?

कांग्रेस नेतृत्व का मानना है कि नया कानून ग्रामीण गरीबों, दलितों, ओबीसी और वंचित वर्गों पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा। इसलिए, पार्टी इसे एक महत्वपूर्ण जन मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है। 2024 के लोकसभा चुनावों में सीमित सफलता के बाद, कांग्रेस ने सामाजिक न्याय को अपने मुख्य नैरेटिव के रूप में अपनाया है। हालांकि, संस्थानों पर नियंत्रण और वोट चोरी जैसे मुद्दों को अपेक्षित जन समर्थन नहीं मिला है।


अब पार्टी रोजगार, मजदूरी और ग्रामीण आजीविका पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बना रही है। कांग्रेस का मानना है कि ग्रामीण रोजगार से संबंधित मुद्दा भाजपा के लिए चुनावी दृष्टि से हानिकारक हो सकता है।


क्या कांग्रेस को मिलेगा इसका लाभ?

यह रणनीति ऐसे समय में सामने आ रही है जब पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और असम में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। कांग्रेस का मानना है कि ग्रामीण रोजगार का मुद्दा विपक्ष को एकजुट कर सकता है। नया कानून राज्यों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डालता है, जिससे INDIA गठबंधन को फिर से सक्रिय करने का अवसर मिल सकता है।


तृणमूल कांग्रेस का इसमें क्या है रोल?

तृणमूल कांग्रेस को इस रणनीति में एक महत्वपूर्ण सहयोगी माना जा रहा है। पश्चिम बंगाल में टीएमसी सरकार पहले ही अपने ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम कर्मश्री को महात्मा गांधी के नाम से जोड़ चुकी है। पिछले सप्ताह में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता देशभर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुके हैं। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, 19 से 22 दिसंबर के बीच 50 से अधिक प्रेस वार्ताएं आयोजित की गईं।


सोनिया गांधी ने क्या कहा था?

20 दिसंबर को सोनिया गांधी ने एक वीडियो संदेश जारी कर मनरेगा पर सरकार के हमले का सामना करने की बात कही थी। हालांकि, कांग्रेस के सामने यह चुनौती है कि उसके पास मजबूत जमीनी कैडर की कमी है। पिछले आंदोलनों में भी पार्टी लंबे समय तक दबाव नहीं बना पाई थी। इसके बावजूद, कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार पर लगातार दबाव बनाने की उम्मीद कर रही है।