कांग्रेस ने मनरेगा को बचाने के लिए शुरू किया आंदोलन, केंद्र पर लगाए गंभीर आरोप
कांग्रेस कार्य समिति की महत्वपूर्ण बैठक
नई दिल्ली: शनिवार को कोटला मार्ग पर स्थित नए कांग्रेस मुख्यालय 'इंदिरा भवन' में कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक के बाद, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सांसद राहुल गांधी ने एक संयुक्त प्रेस वार्ता की। इस दौरान, कांग्रेस नेतृत्व ने केंद्र सरकार पर मनरेगा (MGNREGA) योजना को कमजोर करने का आरोप लगाया और इसके विरोध में 5 जनवरी 2026 से देशभर में 'मनरेगा बचाओ आंदोलन' शुरू करने की घोषणा की।
कांग्रेस का दृढ़ संकल्प
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में मनरेगा को बचाने और मजदूरों के अधिकारों की रक्षा करने की शपथ ली गई।
— Congress (@INCIndia) December 27, 2025
📍 इंदिरा भवन, दिल्ली pic.twitter.com/xCvUv77vZu
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि पार्टी ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है कि मनरेगा को कमजोर करने की किसी भी कोशिश का हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। उन्होंने बताया कि CWC की बैठक में सभी नेताओं ने संकल्प लिया है कि इस कानून की रक्षा के लिए सड़क से लेकर संसद तक संघर्ष किया जाएगा। उनके अनुसार, यह लड़ाई केवल एक योजना की नहीं, बल्कि करोड़ों गरीबों के अधिकारों की रक्षा की है।
सरकार पर गंभीर आरोप
'सरकार ने सब छीन लिया'
कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा कि 'मनरेगा' कार्यक्रम को मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी ने देश की जनता को अधिकार के रूप में दिया, जिससे गरीब जनता को 100 दिन रोजगार की गारंटी मिलती थी। लेकिन अब सरकार ने सब कुछ छीन लिया है।
LIVE: Special CWC Briefing by Congress President Shri @kharge and LoP Shri @RahulGandhi at AICC HQ, New Delhi. https://t.co/BUtRvX0n5H
— Congress (@INCIndia) December 27, 2025
राहुल गांधी ने कहा कि मनरेगा केवल एक योजना नहीं थी, बल्कि यह काम के अधिकार पर आधारित एक विचार था। यह योजना करोड़ों लोगों को न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित करती थी और पंचायती राज में राजनीतिक हिस्सेदारी का साधन थी। केंद्र सरकार अधिकारों के विचार और संघीय ढांचे पर हमला कर रही है।
मनरेगा के खात्मे का उद्देश्य
'मनरेगा के खात्मे का एक ही मकसद है'
राहुल गांधी ने कहा कि मनरेगा के खात्मे का एक ही मकसद है - गरीबों के रोजगार के अधिकार को मिटाना। यह निर्णय सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय से लिया गया है और इससे देश की गरीब जनता को नुकसान होगा। रोजगार खत्म होंगे, ग्रामीण अर्थव्यवस्था कमजोर होगी, और जब गांव कमजोर होंगे, तो देश भी कमजोर होगा।
