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काबुल से दिल्ली: 13 वर्षीय बच्चे का लैंडिंग गियर में खतरनाक सफर

हाल ही में एक 13 वर्षीय अफगान लड़का काबुल से दिल्ली की उड़ान में लैंडिंग गियर में छिपकर पहुंचा। यह घटना 1996 में प्रदीप और विजय सैनी की दुखद कहानी की याद दिलाती है, जब दोनों भाई एक खतरनाक यात्रा पर निकले थे। जानिए इस अनोखे और जानलेवा सफर के बारे में, जिसमें कई लोगों ने अपनी जान गंवाई है।
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काबुल से दिल्ली: 13 वर्षीय बच्चे का लैंडिंग गियर में खतरनाक सफर

खतरनाक यात्रा का अनोखा मामला

फ्लाइट लैंडिंग गियर : ट्रेन में बिना टिकट यात्रा करना एक आम बात है, लेकिन विमान में बिना टिकट सफर करना सुनने में अजीब लगता है। हाल ही में एक 13 वर्षीय अफगान लड़का काबुल से दिल्ली आई KAM एयरलाइंस की फ्लाइट (RQ-4401) में लैंडिंग गियर के पास छिपकर भारत पहुंचा। इस बच्चे ने 94 मिनट तक जान की बाजी लगाते हुए यह खतरनाक सफर तय किया। यह घटना 1996 में प्रदीप और विजय सैनी की दुखद कहानी की याद दिलाती है।


प्रदीप और विजय सैनी की त्रासदी

1996 में पंजाब के दो भाई, प्रदीप (22) और विजय सैनी (18), खालिस्तान आतंकियों के खिलाफ चल रहे अभियान के कारण चर्चा में आए। परेशानियों से तंग आकर उन्होंने भारत छोड़ने का निर्णय लिया। लंदन पहुंचने की इच्छा में, उन्होंने एक तस्कर से संपर्क किया, जिसने उन्हें ब्रिटिश एयरवेज की फ्लाइट के लैंडिंग गियर में छिपाकर भेजने की योजना बनाई। यह यात्रा बेहद खतरनाक साबित हुई।


खौफनाक सफर की कहानी

अक्टूबर की रात, दोनों भाई दिल्ली एयरपोर्ट से ब्रिटिश एयरवेज की फ्लाइट में घुसने में सफल रहे। लगभग 40,000 फीट की ऊंचाई पर, 6,700 किलोमीटर की यात्रा और माइनस 60 डिग्री तापमान में इंसान का बच पाना लगभग असंभव होता है। इस 10 घंटे की उड़ान में विजय की मौत हो गई, जबकि प्रदीप हीथ्रो एयरपोर्ट पर जीवित पाए गए। उन्हें गंभीर हाइपोथर्मिया के इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया।


भाई की मौत का दुःख

प्रदीप ने कहा कि अगर दोनों बच जाते तो बात अलग होती, लेकिन उन्होंने अपने छोटे भाई को खो दिया। यह हादसा उनके लिए बहुत दुखद था और वे इसके बाद 6 साल तक डिप्रेशन में रहे। हालांकि, कानूनी लड़ाई के बाद प्रदीप को ब्रिटेन में रहने की अनुमति मिली और अब वे नॉर्थ लंदन में रहते हैं।


जानलेवा यात्रा का खतरा

विमान के लैंडिंग गियर में यात्रा करना पूरी तरह से अवैध और जानलेवा है। दुनिया भर में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें अधिकांश लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।


कुछ अन्य चर्चित मामले

2015 में, जोहान्सबर्ग से लंदन की उड़ान में एक यात्री जीवित बच गया, जबकि दूसरा विमान से गिरकर मर गया। 1969 में, हवाना से मैड्रिड की उड़ान में 22 वर्षीय अरमांडो सोकारस रामिरेज़ 29,000 फीट की ऊंचाई पर छिपकर बच गए, लेकिन उन्हें शीतदंश हो गया। 2014 में, 15 वर्षीय याह्या अब्दी 5 घंटे की उड़ान में बच गए, जिसे अमेरिकी विशेषज्ञों ने चमत्कार बताया।