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कारगिल युद्ध के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी और बिल क्लिंटन की बातचीत का खुलासा

इस लेख में कारगिल युद्ध के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी और अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के बीच हुई महत्वपूर्ण बातचीत का विवरण दिया गया है। जानें कैसे अटल जी ने पाकिस्तान की धमकियों का सामना किया और भारत की स्थिति को स्पष्ट किया। यह घटना आज भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दर्शाती है कि कैसे अंतरराष्ट्रीय राजनीति में दृढ़ता और साहस की आवश्यकता होती है।
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कारगिल युद्ध के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी और बिल क्लिंटन की बातचीत का खुलासा

कारगिल युद्ध की रात की कहानी

25 जुलाई 1999 की रात का समय था, लगभग 10 बजे। एक महत्वपूर्ण व्यक्ति, जो सफेद कपड़ों में लिपटे हुए बिस्तर पर लेटे थे, उनकी आंखें बंद थीं। लेकिन उनके मन में एलओसी पर चल रहे युद्ध की छवियां घूम रही थीं। यह समय था जब भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध चल रहा था। तभी फोन की घंटी बजी और एक आवाज आई- सर, आपके लिए अमेरिका से एक अर्जेंट कॉल है। कॉल ट्रांसफर होने के बाद, दूसरी तरफ से गंभीर आवाज आई, "क्या मैं अटल जी से बात कर रहा हूं?" अटल बिहारी वाजपेयी ने उत्तर दिया, "जी, हां मैं अटल बिहारी वाजपेयी बोल रहा हूं।" इसके बाद सामने से कहा गया, "मैं अमेरिका का राष्ट्रपति बिल क्लिंटन बोल रहा हूं।" अटल जी ने गंभीरता से कहा, "कहिए।" क्लिंटन ने अनुरोध किया कि अटल जी कारगिल में युद्ध विराम की घोषणा करें। अटल जी ने जवाब दिया कि वह ऐसा करेंगे, लेकिन क्या यह बात उन्होंने नवाज शरीफ से कही है। थोड़ी देर की खामोशी के बाद, क्लिंटन ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत पर परमाणु हमले की धमकी दी है। अटल जी ने कठोर स्वर में कहा, "मैं आज, बल्कि अभी से भारत की आधी आबादी को खत्म मानता हूं। लेकिन मैं आपको आश्वासन देना चाहूंगा कि पाकिस्तान कल का सूरज नहीं देख पाएगा।" इसके बाद उन्होंने फोन काट दिया।


अटल जी की दृढ़ता और अमेरिका का रुख

इस घटना को लगभग 26 साल हो चुके हैं, लेकिन न तो पाकिस्तान में कोई सुधार आया है और न ही उसे समर्थन देने वालों की हरकतों में कोई बदलाव। पहलगाम के बाद भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, अमेरिका ने फिर से पाकिस्तान की ओर से हमले की धमकी दी। लेकिन इस बार भी भारत ने अटल जी की शैली में जवाब दिया और अमेरिका चुप हो गया। इस घटनाक्रम का खुलासा भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने किया है। उन्होंने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम तब करवाया, जब अप्रैल में कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद तनाव बढ़ गया था।


जयशंकर का बयान

जयशंकर ने न्यूयॉर्क में एक साक्षात्कार में कहा कि वे उस कमरे में थे जब अमेरिकी उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस ने 9 मई की रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की थी। वेंस ने कहा कि पाकिस्तान भारत पर बड़ा हमला करने वाला है। जयशंकर ने बताया कि मोदी ने पाकिस्तान की धमकियों के प्रति असंवेदनशीलता दिखाई और संकेत दिया कि भारत जवाब देगा। 9 मई की रात को पाकिस्तान ने बड़े पैमाने पर हमला किया, जिसका भारतीय बलों ने तुरंत जवाब दिया।


युद्ध विराम की बातचीत

जयशंकर ने बताया कि अगली सुबह (10 मई) उनकी अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ बातचीत हुई, जिसमें बताया गया कि पाकिस्तान बातचीत के लिए तैयार है। इसके बाद, पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला ने सीधे भारतीय समकक्ष लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को फोन करके युद्ध विराम का अनुरोध किया।