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काशी के कोतवाल काल भैरव: धार्मिक मान्यता और महत्व

काशी में काल भैरव को कोतवाल के रूप में पूजा जाता है, जो न केवल रक्षक हैं बल्कि पापों का नाशक भी हैं। उनकी उत्पत्ति की पौराणिक कथा और भक्तों की मान्यता इस लेख में विस्तार से बताई गई है। जानें कैसे काल भैरव की पूजा से भक्तों को समस्याओं से मुक्ति मिलती है और क्यों प्रमुख हस्तियां उनके दरबार में पहुंचती हैं।
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काशी के कोतवाल काल भैरव: धार्मिक मान्यता और महत्व

काशी में काल भैरव का महत्व

वाराणसी: काशी में काल भैरव को कोतवाल के रूप में पूजा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, बाबा श्री काशी विश्वनाथ की नगरी में काल भैरव का रजिस्टर हर आने-जाने वाले का हिसाब रखता है।


काल भैरव की पौराणिक कथा

काल भैरव, जिन्हें भगवान शिव का उग्र रूप माना जाता है, की पूजा काशी के रक्षक के रूप में होती है। स्कंद पुराण में उनके रौद्र स्वरूप का उल्लेख मिलता है।


काल भैरव की उत्पत्ति

धार्मिक मान्यता के अनुसार, काल भैरव का जन्म तब हुआ जब भगवान ब्रह्मा और विष्णु के बीच विवाद हुआ। क्रोधित होकर काल भैरव ने ब्रह्मा का सिर काट दिया, जिससे उन पर ब्रह्महत्या का दोष लग गया। पाप से मुक्ति पाने के लिए वे काशी आए और गंगा में स्नान किया, जिससे उनका दोष समाप्त हुआ। इस स्थान को 'कपाल मोचन तीर्थ' कहा जाता है।


काशी के रक्षक के रूप में काल भैरव

भगवान बाबा विश्वनाथ ने काल भैरव को काशी का कोतवाल नियुक्त किया, जिससे उन्हें यह नाम मिला। मान्यता है कि बिना उनकी अनुमति के कोई भी काशी में प्रवेश नहीं कर सकता। वे पापियों को दंड देते हैं और भक्तों की रक्षा करते हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर की यात्रा तब तक अधूरी मानी जाती है जब तक भक्त काल भैरव के दर्शन नहीं कर लेते।


भक्तों की मान्यता

काशी के ज्योतिषाचार्य राजेंद्र पाण्डेय के अनुसार, काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए पहले काल भैरव का दर्शन करना आवश्यक है। इससे भक्तों को कई समस्याओं से मुक्ति मिलती है।


भक्तों की भीड़ और पूजा

हर साल भैरव अष्टमी और महाशिवरात्रि पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। काशीवासियों के लिए काल भैरव न केवल रक्षक हैं, बल्कि पापों को नष्ट करने वाले देवता भी हैं।


श्रद्धालुओं की भेंट

श्रद्धालु काल भैरव को सरसों का तेल, उड़द से बना वड़ा, नीले रंग की माला और काला वस्त्र अर्पित करते हैं। मंदिर के पास श्वान भी रहते हैं, जिन्हें श्रद्धालु दर्शन के बाद मिठाई और दूध खिलाते हैं।


प्रमुख हस्तियों का आस्था

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, और अन्य प्रमुख हस्तियां बाबा विश्वनाथ के मंदिर जाने से पहले काल भैरव के दरबार में अवश्य पहुंचते हैं।