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काशी विश्वनाथ मंदिर के कर्मचारियों को मिला राज्यकर्मी का दर्जा, वेतन में होगी भारी वृद्धि

काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारियों और कर्मचारियों के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है, जिसमें उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा दिया गया है। इस निर्णय के बाद उनके वेतन में लगभग तीन गुना वृद्धि होगी। मंडलायुक्त एस. राजलिंगम की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर भी चर्चा की गई, जैसे कि विशालाक्षी माता मंदिर तक कॉरिडोर का निर्माण और डिजिटल संग्रहालय की स्थापना। जानें इस निर्णय के पीछे की पूरी कहानी और अन्य महत्वपूर्ण पहल।
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काशी विश्वनाथ मंदिर के कर्मचारियों को मिला राज्यकर्मी का दर्जा, वेतन में होगी भारी वृद्धि

काशी विश्वनाथ मंदिर में ऐतिहासिक निर्णय

वाराणसी: श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारियों, अर्चकों और कर्मचारियों के लिए 40 वर्षों का लंबा इंतजार समाप्त हो गया है। गुरुवार को श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद की 108वीं बैठक में एक ऐतिहासिक कर्मचारी सेवा नियमावली को मंजूरी दी गई। इस निर्णय के बाद, मंदिर के सभी कर्मचारियों को राज्य कर्मचारी का दर्जा प्राप्त होगा, जिससे उनके वेतन में लगभग तीन गुना वृद्धि होगी।


इस बैठक की अध्यक्षता मंडलायुक्त एस. राजलिंगम ने की, जिसमें लगभग दो दर्जन महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा की गई, जिसने मंदिर के विकास और प्रबंधन की नई दिशा तय की है।


मंडलायुक्त एस. राजलिंगम ने कहा कि नई नियमावली लागू होने के बाद पुजारियों और कर्मचारियों के जीवन स्तर में महत्वपूर्ण सुधार होगा। उन्होंने बताया, "अभी तक पुजारियों को लगभग 30 हजार रुपये मासिक मिलते थे, जो अब बढ़कर 80 से 90 हजार रुपये हो जाएगा।" इसके अलावा, कर्मचारियों को राज्यकर्मियों की तरह प्रमोशन, अवकाश, भत्ते और अन्य सुविधाओं का लाभ भी मिलेगा। नियुक्तियों के लिए चार श्रेणियों में ग्रेड और मैट्रिक्स निर्धारित किए जाएंगे।


यह उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 1983 में श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का अधिग्रहण किया था, लेकिन तब से अब तक कर्मचारियों के लिए कोई स्थायी सेवा नियमावली नहीं बनाई गई थी।


अन्य महत्वपूर्ण निर्णय

विशालाक्षी माता मंदिर तक कॉरिडोर का निर्माण: श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए काशी विश्वनाथ धाम से विशालाक्षी माता मंदिर तक एक नया कॉरिडोर बनाने का निर्णय लिया गया है, जिसके लिए भवन खरीदने की सहमति दी गई है।


डिजिटल संग्रहालय की स्थापना: काशी विश्वनाथ धाम में एक अत्याधुनिक डिजिटल संग्रहालय स्थापित किया जाएगा, जो श्रद्धालुओं को मंदिर के इतिहास और महत्व से डिजिटल माध्यम से अवगत कराएगा।


विकास परिषद के कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाना: मंदिर क्षेत्र विकास परिषद के कर्मचारियों का मानदेय 30 प्रतिशत बढ़ाया गया है।


वैदिक शिक्षा संस्थान के लिए भूमि आवंटन: मिर्जापुर में स्थित मंदिर न्यास की भूमि पर वैदिक शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना के लिए इसे राज्य सरकार को सौंपा जाएगा।


संगम तीर्थ जल योजना: सभी ज्योतिर्लिंगों को एक-दूसरे से जोड़ने के लिए 'संगम तीर्थ जल आदान-प्रदान योजना' को भी मंजूरी दी गई है।


सुरक्षा और सुविधा: धाम की सुरक्षा के लिए कंट्रोल रूम और कैमरों को अपग्रेड किया जाएगा, और दंडी संन्यासियों को प्रतिदिन प्रसाद भोजन और 101 रुपये की दक्षिणा दी जाएगी।