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किम जोंग उन का चीन दौरा: क्या है इस सैन्य परेड का महत्व?

उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने बीजिंग में एक महत्वपूर्ण दौरा किया है, जहां वे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ एक भव्य सैन्य परेड में शामिल होंगे। यह परेड द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित की जा रही है। किम के साथ उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी है, जिसमें विदेश मंत्री चोए सॉन हुई शामिल हैं। इस दौरे का उद्देश्य चीन-उत्तर कोरिया संबंधों में सुधार करना और अमेरिका के खिलाफ एकजुटता प्रदर्शित करना है।
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किम जोंग उन का चीन दौरा: क्या है इस सैन्य परेड का महत्व?

किम जोंग उन का बीजिंग दौरा

किम जोंग उन का चीन दौरा: उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन मंगलवार को विशेष ट्रेन के माध्यम से बीजिंग पहुंचे हैं, जहां वे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ एक भव्य सैन्य परेड में भाग लेंगे। यह परेड बुधवार को आयोजित की जाएगी, जो द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति और जापान पर चीन की जीत की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है। यह पहली बार होगा जब किम, शी और पुतिन एक साथ एक मंच पर होंगे, जिसे अमेरिका के खिलाफ एकजुटता के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है।


किम के साथ प्रतिनिधिमंडल

किम के साथ उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल:
उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी KCNA के अनुसार, किम के साथ विदेश मंत्री चोए सॉन हुई सहित कई वरिष्ठ अधिकारी बीजिंग पहुंचे हैं। उनकी ट्रेन सोमवार रात चीन के सीमावर्ती शहर डैंडॉन्ग पहुंची थी और मंगलवार को बीजिंग पहुंची। यह किम का 2019 के बाद से चीन का पहला दौरा है और 2011 में सत्ता संभालने के बाद उनका पांचवां दौरा है। चीन और उत्तर कोरिया के बीच संबंध ऐतिहासिक रूप से गहरे रहे हैं, हालांकि हाल के वर्षों में कुछ तनाव भी उत्पन्न हुए हैं।


पुतिन और शी से संभावित मुलाकात

पुतिन और शी से मुलाकात की संभावना:
रूस के राष्ट्रपति पुतिन पहले ही SCO सम्मेलन और इस परेड में भाग लेने के लिए चीन पहुंच चुके हैं। क्रेमलिन ने संकेत दिया है कि पुतिन और किम के बीच एक अलग बैठक हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि किम-शी द्विपक्षीय वार्ता और संभावित त्रिपक्षीय बैठक की भी संभावना है। पिछले वर्षों में उत्तर कोरिया ने रूस के साथ अपने संबंधों को मजबूत किया है, खासकर रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान।


चीन-उत्तर कोरिया संबंधों में सुधार

चीन-उत्तर कोरिया रिश्तों में सुधार की कोशिश:
किम का यह दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल के समय में चीन और उत्तर कोरिया के संबंधों में तनाव देखा गया था। चीन, उत्तर कोरिया का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और आर्थिक मदद का प्रमुख स्रोत भी है। किम इस यात्रा को रिश्तों में सुधार और साझेदारी को गहरा करने की रणनीति के रूप में देख रहे हैं। इसके अलावा, उत्तर कोरिया अमेरिका के खिलाफ चीन और रूस जैसे देशों के साथ मिलकर अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहता है।


मिसाइल कार्यक्रम पर ध्यान

मिसाइल कार्यक्रम पर फोकस और अमेरिकी प्रतिक्रिया:
बीजिंग रवाना होने से पहले, किम ने उत्तर कोरिया के मिसाइल संस्थान का दौरा किया और नई पीढ़ी की इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) इंजन के विकास की समीक्षा की। यह मिसाइल कई परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम बताई जा रही है, जो अमेरिकी रक्षा तंत्र को चुनौती दे सकती है। ऐसे समय में जब अमेरिका और दक्षिण कोरिया बातचीत की पेशकश कर रहे हैं, किम ने वार्ता को ठुकराकर अपने परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का संकेत दिया है।