किम जोंग उन की आंखों में आंसू: रूस से आए विमान ने किया भावुक
रूस का एक विमान नार्थ कोरिया में उतरा, जिससे किम जोंग उन की आंखों में आंसू आ गए। यह घटना उस समारोह से जुड़ी है, जिसमें शहीद सैनिकों को सम्मानित किया गया। इस बीच, कुछ भारतीय नागरिकों की रूस में भर्ती होने की चौंकाने वाली जानकारी भी सामने आई है। जानें इस भावुक घटना के बारे में और भारत सरकार की चिंता के बारे में।
Aug 23, 2025, 19:07 IST
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रूस का विमान और किम जोंग उन की भावनाएं
रात के अंधेरे में एक विमान रूस से नार्थ कोरिया के रनवे पर उतरा। इस विमान के आगमन ने नार्थ कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन को इतना भावुक कर दिया कि वह फूट-फूट कर रोने लगे। किम जोंग उन को अक्सर अमेरिका और दक्षिण कोरिया को धमकाते हुए देखा गया है, लेकिन यह पहला मौका था जब उन्हें इस तरह रोते हुए देखा गया। जैसे ही विमान ने लैंड किया, किम जोंग उन और नार्थ कोरिया की सेना के अन्य सदस्य भी आंसू बहाने लगे। इस बीच, भारत से एक ऐसा बयान आया जिसने सबको चौंका दिया।
किम जोंग उन का भावुक समारोह
किम जोंग उन, जो आमतौर पर मुस्कुराते रहते हैं, इस बार प्यूइंग यांग में एक सरकारी समारोह में रो पड़े। यह समारोह उन सैनिकों के सम्मान में आयोजित किया गया था, जो यूक्रेन के खिलाफ रूस की ओर से लड़ते हुए शहीद हुए थे। किम ने शहीद सैनिकों के परिवारों को गले लगाकर उन्हें सांत्वना दी। समारोह में शहीद सैनिकों की तस्वीरें प्रदर्शित की गई थीं, और किम ने इन तस्वीरों पर मेडल रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान, युद्ध से लौटे सैनिकों को भी सम्मानित किया गया। जब किम ने शहीद सैनिकों को नायक का दर्जा दिया, तो उनके परिवार के लोग भी अपने आंसू नहीं रोक पाए। किम ने मृत सैनिकों के बच्चों को गले लगाकर प्यार से उनके माथे को चूमा।
भारतीय नागरिकों की रूस में भर्ती
रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ भारतीय नागरिक भी रूसी सेना में यूक्रेन के खिलाफ लड़ाई में शामिल पाए गए हैं। यह चौंकाने वाली बात है कि इन भारतीयों को भारत सरकार ने नहीं भेजा था। बल्कि, कुछ एजेंट्स ने उन्हें धोखा देकर रूस में नौकरी का लालच दिया और उन्हें रूसी सेना में भर्ती करवा दिया। इन भारतीयों को कर्नाटक, महाराष्ट्र और जम्मू कश्मीर से बहला-फुसलाकर भर्ती किया गया।
भारत सरकार की चिंता
भारतीय सेना के अनुसार, 17 जनवरी 2025 तक ऐसे 126 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 96 लोग वापस लौट चुके हैं, लेकिन अभी भी 8 भारतीय यूक्रेन में लड़ाई में शामिल हैं और 12 भारतीय शहीद हो चुके हैं। इस स्थिति को देखते हुए, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस से अनुरोध किया कि बचे हुए भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और उन्हें जल्द से जल्द भारत वापस लाया जाए।