किश्तवाड़ में बादल फटने से 45 लोगों की मौत, 200 के फंसे होने की आशंका

किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना
Kishtwar Cloudburst: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना को एक दिन हो चुका है। इस आपदा में लगभग 200 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है। एनडीआरएफ, सेना, पुलिस और प्रशासन मिलकर लगातार बचाव कार्य कर रहे हैं। बीती रात 2 बजे तक रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा। पुलिस ने अब तक 45 लोगों की मौत की पुष्टि की है, जिनमें से केवल 8 से 10 शवों की पहचान हो पाई है। इसके अलावा, करीब 100 लोगों को सुरक्षित निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया है।
एनडीआरएफ की रिपोर्ट
200 लोगों के दबे होने की आशंका- एनडीआरएफ
बचाव कार्य में लगे एक एनडीआरएफ अधिकारी ने बताया कि यहां लोगों को बचाना चुनौतीपूर्ण है क्योंकि हमारे पास केवल एक जेसीबी मशीन है। जब जेसीबी खुदाई करेगी, तब हम ऊपर दबे लोगों को निकाल सकेंगे। हमें यह पता लगाने की कोशिश करनी है कि नीचे कितने लोग दबे हैं। जानकारी के अनुसार, वहां कम से कम 100 से 200 लोग दबे हो सकते हैं।
प्रधानमंत्री का हस्तक्षेप
पीएम ने सीएम और उपराज्यपाल से ली जानकारी
किश्तवाड़ की आपदा पर प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से फोन पर बात की। उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया पर बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री को किश्तवाड़ की स्थिति और प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की गई सहायता के लिए आभार व्यक्त किया।
मृतकों में सुरक्षा बल के जवान भी शामिल
मृतकों में 2 जवान भी शामिल
किश्तवाड़ के चशोटी गांव में बादल फटने की घटना में सीआईएसएफ के दो जवान भी शहीद हो गए हैं। रेस्क्यू किए गए लोगों में से 37 की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिनका इलाज जिला अस्पताल किश्तवाड़ और पाडर के उप-जिला अस्पताल में किया जा रहा है।
फारूक अब्दुल्ला की चिंता
फारुक अब्दुल्ला ने 500 लोगों की जताई आशंका
एनडीआरएफ ने किश्तवाड़ आपदा में 200 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई है। वहीं, जेकेएनसी पार्टी के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मुझे लगता है कि किश्तवाड़ में 500 से अधिक लोग अभी भी मलबे में दबे हुए हैं। यह एक गंभीर स्थिति है और हमें इसके बारे में और जानकारी प्राप्त करनी होगी।