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किश्तवाड़ में बादल फटने से आई बाढ़, 46 लोगों की मौत

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में 14 अगस्त को बादल फटने से आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। इस घटना में 46 लोगों की जान चली गई है और 160 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। बचाव कार्य में सेना, पुलिस और स्थानीय स्वयंसेवक शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने प्रभावित लोगों को सहायता का आश्वासन दिया है। स्थिति गंभीर बनी हुई है, और स्थानीय प्रशासन राहत कार्य में जुटा हुआ है। जानें इस घटना के बारे में और क्या हो रहा है।
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किश्तवाड़ में बादल फटने से आई बाढ़, 46 लोगों की मौत

किश्तवाड़ में बाढ़ का कहर

किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चोसिटी गांव में 14 अगस्त को दोपहर 12 बजे से 1 बजे के बीच अचानक बाढ़ आ गई। इस आपदा में पूजनीय मचैल माता मंदिर जाने वाले रास्ते का अंतिम मोटर योग्य स्थान भी बह गया। इस बाढ़ के कारण दो केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) कर्मियों सहित कम से कम 46 लोगों की जान चली गई है, जबकि 160 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।


25 जुलाई से शुरू हुई वार्षिक मचैल माता यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहाँ एकत्र हुए थे। अचानक पानी और मलबे के बढ़ने से संपत्ति को भारी नुकसान हुआ, सड़क संपर्क टूट गया और कई लोग मलबे में फंस गए।


बचाव कार्य जारी

बचाव अभियान की स्थिति


अधिकारियों के अनुसार, अब तक 167 लोगों को बचाया गया है, जिनमें से 38 की हालत गंभीर है। मृतकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है और अधिकारियों को आशंका है कि यह संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि कई लोग अभी भी लापता हैं। राहत कार्य में सेना की व्हाइट नाइट कोर, पुलिस, एसडीआरएफ और स्थानीय स्वयंसेवक शामिल हैं। 300 सैनिकों और चिकित्सा टुकड़ियों वाली पांच से अधिक सैन्य टुकड़ियाँ राहत सामग्री और चिकित्सा उपकरण लेकर तैनात की गई हैं। आवश्यकता पड़ने पर वायु सेना को भी अलर्ट पर रखा गया है।



नेताओं का समर्थन

केंद्रीय और राज्य नेताओं का आश्वासन


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर शोक व्यक्त किया और प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।



केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से बात की और एनडीआरएफ की टीमों को तुरंत घटनास्थल पर पहुँचने का निर्देश दिया। उधमपुर से लगभग 180 कर्मियों वाली एनडीआरएफ की दो इकाइयाँ, उन्नत खोज और बचाव उपकरणों के साथ अभियान में शामिल हो गई हैं। उपराज्यपाल कार्यालय ने पुष्टि की है कि सभी एजेंसियाँ ज़मीनी स्तर पर समन्वय के साथ काम कर रही हैं।



स्थिति गंभीर

जमीनी स्थिति की गंभीरता


पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बाढ़ से हुए व्यापक नुकसान का हवाला देते हुए स्थिति को गंभीर बताया। स्थानीय प्रशासन की टीमें निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने, घायलों की देखभाल करने और फंसे हुए परिवारों को आवश्यक राहत सामग्री पहुँचाने में जुटी हैं।



अधिकारियों का कहना है कि खड़ी ढलान और भारी बारिश के कारण पानी का स्तर और बढ़ गया है।



गाँव के कई हिस्से कीचड़ और मलबे में दब गए हैं। ढांचे की सुरक्षा जाँच और सड़क मरम्मत का काम जारी है, जबकि जीवित बचे लोगों की तलाश रात तक जारी है।