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किश्तवाड़ में बादल फटने से भारी तबाही, 65 लोगों की मौत

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में बादल फटने से भारी तबाही हुई है, जिसमें 65 लोगों की जान चली गई है। राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है, लेकिन 75 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया और बचाव अभियानों की समीक्षा की। प्रशासन ने बताया कि कई घर, सरकारी इमारतें और वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जानें इस आपदा के बारे में और अधिक जानकारी।
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किश्तवाड़ में बादल फटने से भारी तबाही, 65 लोगों की मौत

किश्तवाड़ में आपदा का मंजर

जम्मू: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चिशौती गांव में बादल फटने से व्यापक तबाही हुई है। राहत और बचाव कार्य शनिवार को भी लगातार तीसरे दिन जारी रहा। इस आपदा में अब तक 65 लोगों की जान जा चुकी है और 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं।


केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार रात पुलिस महानिदेशक (DGP) नलिन प्रभात के साथ प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया और स्थिति का आकलन किया। इस दौरान पुलिस, सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ, नागरिक प्रशासन और स्थानीय स्वयंसेवकों द्वारा चलाए जा रहे बचाव अभियानों की समीक्षा की गई।


अधिकारियों के अनुसार, 46 शवों की पहचान की जा चुकी है, जिन्हें कानूनी औपचारिकताओं के बाद उनके परिवारों को सौंप दिया गया है। वहीं, लगभग 75 लोग लापता हैं। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि अचानक आई बाढ़ में सैकड़ों लोग बह गए होंगे और कई मलबे के नीचे दबे हो सकते हैं।


इस आपदा में सीआईएसएफ के दो जवान और एक स्थानीय पुलिस का विशेष पुलिस अधिकारी (SPO) भी शामिल है।


14 अगस्त को आई थी आपदा


यह आपदा 14 अगस्त को दोपहर करीब 12:25 बजे मचैल माता यात्रा मार्ग पर स्थित आखिरी गांव चिशौती में आई। बाढ़ और मलबे की चपेट में एक अस्थायी बाजार, सामुदायिक लंगर, सुरक्षा चौकी और आसपास की बस्तियां आ गईं।


प्रशासन के अनुसार, कम से कम 16 घर, कई सरकारी इमारतें, तीन मंदिर, चार पनचक्की, 30 मीटर लंबा पुल और एक दर्जन से अधिक वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं।