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किसान मोर्चा का 21वां दिन: सरकार के खिलाफ प्रदर्शन जारी

किसान मोर्चा ने 21वें दिन भी धरना जारी रखा, जिसमें जाट आरक्षण संघर्ष समिति और अन्य सामाजिक संगठनों ने भाग लिया। किसान नेता नरेश कादयान ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के समय किसानों को मदद नहीं मिलती। धरने में शामिल नेताओं ने बीमा क्लेम घोटाले की जांच की मांग की और कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, धरना जारी रहेगा। जानें इस आंदोलन की पूरी कहानी।
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किसान मोर्चा का 21वां दिन: सरकार के खिलाफ प्रदर्शन जारी

किसानों का धरना जारी


(Charkhi Dadri News) उपमंडल के संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारी 21वें दिन भी अनाज मंडी के शेड के नीचे धरना देकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस धरने में जाट आरक्षण संघर्ष समिति और अन्य सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और किसानों की मांगों का समर्थन किया। किसान नेता नरेश कादयान ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की नीतियों से हर वर्ग में निराशा का माहौल है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के समय किसानों को मदद नहीं मिलती, जो कि अन्याय है।


सरकार की नीतियों पर सवाल

किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य सरकारें किसानों और श्रमिकों के हितों के साथ खिलवाड़ कर रही हैं। लोकसभा और विधानसभा चुनावों में बड़े वादे करने वाले जनप्रतिनिधि किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रहे हैं। छात्र संघर्ष समिति के पूर्व अध्यक्ष विजय मोटू ने कहा कि जिले के जनप्रतिनिधियों की मदद के बिना इतना बड़ा घोटाला संभव नहीं है। उन्होंने बीमा क्लेम में 350 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच की मांग की।


धरने के आयोजक कामरेड रामपाल धारणी ने कहा कि जब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक धरना जारी रहेगा। धरने में कई किसान नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए।


किसानों का उत्पीड़न सहन नहीं

किसान नेता राजकुमार हड़ौदी ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को किसानों से किए गए वादे को जल्द पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीमा क्लेम घोटाले में शामिल कंपनी और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि बाढड़ा में किसान आंदोलन का इतिहास है और सरकार को किसानों को कमजोर समझने की गलती नहीं करनी चाहिए।


किसान लंबे समय से ट्यूबवैल कनेक्शन की प्रतीक्षा कर रहे हैं और खाद की कमी का सामना कर रहे हैं।