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किसान मोर्चा का धरना जारी, सरकार पर किसानों के प्रति झूठी सहानुभूति का आरोप

संयुक्त किसान मोर्चा ने जुई रोड़ पर धरना देकर सरकार के मुआवजा रिपोर्ट में धांधली के खिलाफ विरोध जताया है। पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रणसिंह मान ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों के प्रति झूठी सहानुभूति दिखा रही है। धरने में किसानों की समस्याओं, जैसे खाद और बीज की कमी, मुआवजे की अनियमितता और फसल बीमा में घोटाले पर चर्चा की गई। किसान संगठनों ने जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया है। जानें इस आंदोलन के पीछे की पूरी कहानी।
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किसान मोर्चा का धरना जारी, सरकार पर किसानों के प्रति झूठी सहानुभूति का आरोप

किसान मोर्चा का विरोध प्रदर्शन


(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों ने जुई रोड़ पर धरना देकर सरकार के मुआवजा रिपोर्ट में धांधली के खिलाफ अपना विरोध जताया। पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रणसिंह मान ने कहा कि सरकार किसानों के प्रति झूठी सहानुभूति दिखा रही है जबकि पूंजीपतियों को बढ़ावा दिया जा रहा है।


सरकार की नीतियों पर सवाल

धरने में किसान सभा के नेता सूमेर सिंह भांडवा और करतार सिंह गोपी की उपस्थिति में रणसिंह मान ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों को मुआवजा देने में सरकार ने कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार आम जनता को विभिन्न मुद्दों में उलझाकर अपने राजनीतिक लाभ के लिए काम कर रही है।


किसानों की उपेक्षा

किसानों को न तो खाद और बीज मिल रहा है और न ही प्राकृतिक आपदा के कारण मुआवजा। किसान और युवा दोनों ही उपेक्षा का सामना कर रहे हैं, जबकि प्रदेश में अपराधों की संख्या बढ़ती जा रही है। सरकार किसानों के हितों के लिए बार-बार दावे करती है, लेकिन वास्तविकता में उनकी उपेक्षा की जा रही है।


फसल बीमा में घोटाला

सीटू नेता सुखदेव पालवास ने बताया कि खरीफ 2023 कपास बीमा क्लेम में कृषि विभाग के अधिकारियों ने चुनाव आचार संहिता के चलते 450 करोड़ रुपये के क्लेम को घटाकर 100 करोड़ रुपये कर दिया। हरियाणा में 2022-23 में फसल बीमा क्लेम 2497 करोड़ रुपये था, जबकि 2023-24 में यह केवल 224 करोड़ रुपये रह गया।


किसानों को जागरूक करने का अभियान

बाढड़ा धरना कमेटी ने किसानों को जागरूक करने और धरना-प्रदर्शन में भागीदारी के लिए गांव-गांव जाकर प्रचार अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। धरने में कई किसान नेताओं ने भाग लिया और इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठाई।