किसानों का धरना 117वें दिन भी जारी, 28 को लोहारु में करेंगे प्रदर्शन
किसानों का धरना जारी
चर्की दादरी समाचार: संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर, खरीफ 2023 कपास बीमा क्लेम में अनियमितताओं की जांच और क्लेम प्राप्ति के लिए धरना 117वें दिन भी जारी रहा। किसानों ने 28 नवंबर को लोहारु में पहुंचकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।
बाढड़ा बिजली कार्यालय परिसर में धरने को संबोधित करते हुए श्योराण खाप के अध्यक्ष बिजेन्द्र बेरला और जाट नेता राजकुमार हड़ौदी ने सरकार की अनदेखी पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सरकार की हठधर्मिता का खामियाजा भुगतना पड़ेगा और क्षेत्र के किसान बड़ी संख्या में 28 नवंबर को लोहारु में भाग लेंगे।
फसलों पर प्राकृतिक आपदाओं का असर
किसानों ने बताया कि बार-बार आने वाली प्राकृतिक आपदाओं के कारण उनकी फसलें बर्बाद हो गई हैं, जिससे उन्हें भुखमरी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार केवल कागजी कार्यवाही कर रही है। कपास, बाजरा, ग्वार और मुंग की फसलें अधिक बारिश के कारण नष्ट हो गई हैं। पिछले तीन सीज़न का मुआवजा केवल कागजों पर ही है, जबकि सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है।
किसानों ने मांग की कि पीड़ित किसानों के साथ-साथ मजदूरों को भी मुआवजा दिया जाए। मनरेगा के तहत सभी गांवों में काम उपलब्ध कराया जाए और 600 रुपये प्रतिदिन की दर से मजदूरी दी जाए। इसके अलावा, जिन मजदूर परिवारों के घरों में दरारें आ गई हैं या घर ढह गए हैं, उन्हें पर्याप्त आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए।
कपास बीमा क्लेम में घोटाला
चुनाव आचार संहिता के चलते, 2023 कपास बीमा क्लेम में कृषि विभाग के अधिकारियों ने भिवानी और चरखी-दादरी जिलों के 450 करोड़ रुपये के क्लेम को घटाकर लगभग 100 करोड़ रुपये कर दिया, जिससे 350 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ। हरियाणा में वर्ष 2022-23 में जहां फसल बीमा क्लेम 2497 करोड़ रुपये मिला, वहीं चुनावी वर्ष 2023-24 में यह क्लेम केवल 224 करोड़ रुपये किसानों को दिया गया है, जो कि अन्यायपूर्ण है।
इस धरने में श्योराण खाप के प्रधान बिजेंद्र बेरला, मास्टर रघबीर सिंह काकड़ौली, कामरेड रामपाल धारणी, नसीब मोद पारस काकड़ौली, होशियार सिंह पचगांव, सत्य प्रकाश जेवली, और अन्य नेता भी शामिल हुए।
