किसानों का धरना जारी, बकाया मुआवजे की मांग

किसानों का धरना 54वें दिन भी जारी
कपास बीमा क्लेम में घोटाले की जांच और क्लेम प्राप्ति की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा बाढड़ा आनज मंडी में धरना 54वें दिन भी जारी रहा। धरने की अध्यक्षता होशियार सिंह ने की और मंच संचालन का कार्य कामरेड रामपाल सिंह धारणी ने किया। किसानों के नेताओं रघवीर श्योराण और बिजेंद्र बेरला ने कहा कि प्रदेश सरकार को किसानों की समस्याओं का समाधान करना चाहिए ताकि उन्हें आर्थिक सहायता मिल सके।
उन्होंने यह भी कहा कि वित्त मंत्रालय को कपास पर लगने वाले 11 प्रतिशत आयात शुल्क को तुरंत समाप्त करना चाहिए। किसान नेताओं ने इस निर्णय को देशभर के कपास उत्पादकों के लिए विनाशकारी बताया है। आयात शुल्क खत्म होने से घरेलू कपास की कीमतों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, जिससे सस्ती विदेशी कपास बाजार में आएगी और हमारे किसानों को और अधिक संकट का सामना करना पड़ेगा।
सरकार ने इस निर्णय से किसानों के साथ विश्वासघात किया है। किसानों ने स्मार्ट मीटर के खिलाफ भी आंदोलन की योजना बनाई है। 2023 कपास बीमा क्लेम में कृषि विभाग के अधिकारियों ने चुनाव आचार संहिता के चलते, भिवानी और चरखी-दादरी जिलों में 450 करोड़ रुपये के क्लेम को लगभग 100 करोड़ रुपये कर दिया, जिससे 350 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ।
हरियाणा में 2022-23 में फसल बीमा क्लेम 2497 करोड़ रुपये मिला, जबकि चुनावी वर्ष 2023-24 में यह केवल 224 करोड़ रुपये रह गया है। नेताओं ने मांग की कि खेती को डिफाल्ट से बाहर लाने, नई कृषि विपणन नीति को रद्द करने, मुक्त व्यापार समझौते को समाप्त करने, एमएसपी गारंटी कानून लागू करने, किसानों का कर्ज माफ करने, बिजली निजीकरण और स्मार्ट मीटर को रद्द करने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर कई नेता उपस्थित रहे, जिनमें सीटू नेता सुमेर सिंह धारणी, मजदूर नेता रोशन लाल, और अन्य शामिल थे।