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किसानों के लिए असली और नकली उर्वरक की पहचान कैसे करें

उत्तर भारत में खरीफ फसल के मौसम में, किसानों के लिए असली और नकली उर्वरक की पहचान करना बेहद जरूरी है। धान की फसल के लिए गुणवत्तापूर्ण उर्वरक की आवश्यकता होती है, लेकिन बाजार में कई नकली उत्पाद मौजूद हैं। इस लेख में, हम असली यूरिया और डीएपी की पहचान के सरल तरीके बताएंगे, जिससे किसान अपनी फसल की पैदावार को बढ़ा सकें। जानें कैसे पहचानें असली उर्वरक और सुरक्षित रहें।
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किसानों के लिए असली और नकली उर्वरक की पहचान कैसे करें

खरीफ फसल के मौसम में उर्वरकों की पहचान


असली और नकली उर्वरक की पहचान: उत्तर भारत में खरीफ फसल का समय चल रहा है, जिसमें धान की फसल प्रमुख है। धान की रोपाई के बाद, खरपतवार नियंत्रण और फसल वृद्धि के लिए कीटनाशकों और उर्वरकों की आवश्यकता होती है। फसलों की अच्छी पैदावार के लिए इनका उपयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि धान को गुणवत्तापूर्ण उर्वरक नहीं मिलते, तो फसल कमजोर हो जाती है, जिससे पैदावार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। वर्तमान में बाजार में कई नकली उर्वरक और कीटनाशक उपलब्ध हैं, जो किसानों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। आइए जानते हैं कि असली उर्वरक की पहचान कैसे की जा सकती है। 


असली यूरिया की पहचान


कृषि विकास अधिकारी दिलीप कुमार सोनी के अनुसार, असली यूरिया की पहचान के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें ध्यान में रखनी चाहिए। असली यूरिया के दाने चमकदार सफेद और छोटे होते हैं। जब इन्हें पानी में मिलाया जाता है, तो ये तुरंत घुल जाते हैं और पानी के संपर्क में आने पर ठंडक का अनुभव होता है। 


असली डीएपी की पहचान


डीएपी की पहचान करना अपेक्षाकृत सरल है। इसके दाने सख्त, भूरे, काले या बादामी रंग के होते हैं। यदि इन्हें गर्म किया जाए, तो ये फूलने लगते हैं। इसके अलावा, यदि दानों को चूने के साथ रगड़ा जाए, तो तीव्र गंध उत्पन्न होती है। इस प्रकार, किसान असली और नकली यूरिया तथा डीएपी की पहचान कर शानदार उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।