किसानों के लिए नई उम्मीदें: PM किसान सम्मान निधि में बढ़ोतरी की संभावना
किसानों के लिए महत्वपूर्ण समय
नई दिल्ली: देश के लाखों किसानों के लिए आने वाले कुछ महीने बेहद महत्वपूर्ण और निर्णायक साबित होने वाले हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, जो छोटे और सीमांत किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण सहारा है, के संदर्भ में नई उम्मीदें जागृत हुई हैं। किसान अपनी 22वीं किस्त के जारी होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, साथ ही उनकी नजरें 1 फरवरी, 2026 को पेश होने वाले केंद्रीय बजट पर भी टिकी हुई हैं। अटकलें हैं कि इस बार सरकार किसानों को राहत देते हुए सम्मान निधि की राशि में वृद्धि कर सकती है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा मिलेगी।
केंद्र सरकार द्वारा इस योजना के लिए फंड आवंटन में वृद्धि से यह स्पष्ट होता है कि कृषि क्षेत्र सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। मौजूदा वित्त वर्ष (2024-25) के लिए सरकार ने प्रारंभ में 60,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया था, जिसे बाद में किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए 63,500 करोड़ रुपये कर दिया गया। पिछले दो वर्षों में बजट में यह वृद्धि दर्शाती है कि लाभार्थियों की संख्या बढ़ रही है और सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि कोई भी पात्र किसान सहायता से वंचित न रहे।
इस समय किसानों और कृषि विशेषज्ञों के बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या सालाना मिलने वाली 6,000 रुपये की सहायता राशि में वृद्धि की जाएगी? खेती की बढ़ती लागत, खाद-बीज के दाम और महंगाई को देखते हुए लंबे समय से यह मांग उठ रही है कि सम्मान निधि की राशि बढ़ाई जाए। वर्तमान में यह राशि तीन किस्तों में सीधे बैंक खातों में (DBT) आती है। जानकारों का मानना है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब 1 फरवरी, 2026 को बजट पेश करेंगी, तो कृषि मंत्रालय के प्रस्तावों को मंजूरी मिल सकती है और किसानों के लिए कोई 'बड़ा तोहफा' घोषित किया जा सकता है।
