किसानों के लिए नई नीति: सोयाबीन रिसर्च इंदौर में शिवराज सिंह की पहल

किसानों को राहत देने वाली नई नीति
सोयाबीन रिसर्च इंदौर: शिवराज सिंह की नई नीति किसानों को राहत देगी: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोयाबीन रिसर्च इंदौर में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों, किसानों और अधिकारियों ने सोयाबीन की पैदावार को बेहतर बनाने पर चर्चा की।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि लैब की रिसर्च को खेतों तक पहुंचाया जाएगा और किसानों की समस्याओं के आधार पर नई नीति बनाई जाएगी। यह कदम भारतीय कृषि को सशक्त बनाने और किसानों की आय में वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है। आइए इस बैठक की प्रमुख बातें जानते हैं।
लैब से खेत तक: रिसर्च में बदलाव
लैब से खेत तक: रिसर्च में क्रांति सोयाबीन रिसर्च इंदौर
शिवराज सिंह ने बैठक में कहा कि अब रिसर्च किसानों की आवश्यकताओं के अनुसार की जाएगी। उन्होंने बताया कि भारत में छोटे खेतों के कारण खेती में चुनौतियाँ हैं। देश में 16,000 वैज्ञानिक हैं, लेकिन उनकी रिसर्च अक्सर लैब तक ही सीमित रहती है।
अब 'लैब टू लैंड' (Lab to Land) के तहत वैज्ञानिक और किसान मिलकर काम करेंगे। विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत 2170 टीमें गांवों में गईं और किसानों की समस्याओं को समझा। इस दौरान 300 से अधिक किसानों के नवाचार सामने आए, जैसे लीची की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए ग्लूकोस का उपयोग। यह रिसर्च अब खेतों की आवश्यकताओं को प्राथमिकता देगी।
सोयाबीन की पैदावार और गुणवत्ता पर ध्यान
सोयाबीन की पैदावार और गुणवत्ता पर फोकस
बैठक में सोयाबीन की पैदावार बढ़ाने और गुणवत्ता सुधारने पर चर्चा की गई। शिवराज ने कहा कि येलो मोजाइक जैसे रोग फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। इसके लिए जीनोम एडिटिंग (Genome Editing) जैसी नई तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। साथ ही, अमानक बीज और कीटनाशकों की समस्या को सख्ती से रोका जाएगा। सोयाबीन में 18% तेल और उच्च प्रोटीन होता है, लेकिन इसके उत्पादों का उपयोग सीमित है।
सरकार अब सोयाबीन के नए उत्पाद विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करेगी, जिससे किसानों को बेहतर दाम मिलेंगे। शिवराज ने कहा कि 1.33 लाख करोड़ रुपये के तेल आयात को कम करने के लिए सोयाबीन उत्पादन बढ़ाना आवश्यक है।
किसानों के हित में नई नीति
किसानों के हित में नई नीति
शिवराज सिंह ने कहा कि किसानों का हित सरकार की प्राथमिकता है। नई नीति में खरीद के तरीकों में सुधार किया जाएगा, ताकि किसानों को उचित दाम मिल सके। उन्होंने 'वन नेशन-वन एग्रीकल्चर-वन टीम' (One Nation One Agriculture) का मंत्र दिया।
इसके तहत कृषि विज्ञान केंद्रों (KVK) के वैज्ञानिक सप्ताह में तीन दिन किसानों के साथ रहेंगे। शिवराज ने खुद हफ्ते में दो दिन किसानों के बीच रहने का वादा किया। उन्होंने कहा कि विदेशी तकनीकों का अध्ययन कर सोयाबीन किसानों की आय बढ़ाई जाएगी। जल्द ही एक रोडमैप तैयार किया जाएगा, जो कृषि और किसानों की स्थिति को बेहतर बनाएगा।
सोयाबीन रिसर्च इंदौर की यह बैठक किसानों के लिए नई उम्मीद लेकर आई है। सरकार की यह पहल खेती को आधुनिक बनाएगी और किसानों की मेहनत को उचित दाम दिलाएगी।