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किसानों के लिए यूरिया सप्लाई में वृद्धि: फसलें होंगी हरी-भरी

सरकार ने किसानों के लिए यूरिया सप्लाई में वृद्धि की है, जिससे फसल उत्पादन में सुधार होगा। कृषि-ग्रेड यूरिया का आयात पिछले वर्ष की तुलना में दोगुना कर दिया गया है। इससे किसानों को फसलें उगाने में मदद मिलेगी और उपज में वृद्धि होगी। उर्वरक विभाग ने कालाबाजारी पर सख्ती बरतने का भी आश्वासन दिया है। जानें इस महत्वपूर्ण खबर के बारे में और अधिक जानकारी।
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किसानों के लिए यूरिया सप्लाई में वृद्धि: फसलें होंगी हरी-भरी

यूरिया सप्लाई में वृद्धि

Urea Supply Increase: किसानों को अब खेती में कोई समस्या नहीं होगी, फसलें हरी-भरी होंगी और उपज में वृद्धि होगी! कैसे? सरकार ने कृषि-ग्रेड यूरिया का आयात पिछले वर्ष की तुलना में दोगुना कर दिया है। पूरी जानकारी के लिए पढ़ें...


सरकार खेती को बढ़ावा देने के लिए लगातार नई घोषणाएं कर रही है, जिससे किसानों को राहत मिलती है। हाल ही में केंद्र ने उर्वरकों के संबंध में एक बड़ी खुशखबरी दी है, जिससे किसानों के चेहरे खिल उठे हैं। रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने बताया कि अप्रैल से अक्टूबर 2025 के बीच यूरिया का आयात 58.62 लाख टन तक बढ़ा दिया गया है, जबकि पिछले वर्ष यह 24.76 लाख टन था। इससे खरीफ और रबी फसलों के लिए भरपूर यूरिया उपलब्ध होगा, जिससे फसलें शानदार होंगी।


उर्वरक विभाग की जानकारी

उर्वरक विभाग ने कहा है कि खरीफ 2025 में पूरे देश में यूरिया और अन्य उर्वरकों की भरपूर उपलब्धता सुनिश्चित की गई है, जिससे किसानों को पर्याप्त मात्रा में यूरिया मिलता रहेगा।


यूरिया की उपलब्धता लगभग 230.53 लाख टन रही।
अनुमानित आवश्यकता 185.39 लाख टन थी।
बिक्री 193.20 लाख टन हुई।
2025 के खरीफ में 2024 की तुलना में 4.08 लाख टन अधिक यूरिया का उपयोग हुआ।


आयात में वृद्धि

सरकार ने आयात बढ़ाने पर जोर दिया है। विभाग ने कहा कि इससे खरीफ 2025 की मांग पूरी हुई और रबी के लिए बफर स्टॉक तैयार किया गया।


1 अक्टूबर 2025 को यूरिया का स्टॉक 48.64 लाख टन था।
31 अक्टूबर 2025 तक यह बढ़कर 68.85 लाख टन हो गया।


घरेलू उत्पादन में सुधार

अक्टूबर 2025 में घरेलू यूरिया उत्पादन 26.88 लाख टन तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष से 1.05 लाख टन अधिक है। देश प्रगति की ओर बढ़ रहा है।


कालाबाजारी पर सख्ती

उर्वरक विभाग ने कालाबाजारी पर सख्त रुख अपनाया है – यूरिया की तस्करी और जमाखोरी करने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकार का उद्देश्य है कि किसानों को समय पर सही मात्रा और उचित दाम पर उर्वरक मिले, जिससे खेती में सुधार हो।