किसानों के लिए राहत: गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा

सरकार का गेहूं खरीद निर्णय
सरकार का गेहूं खरीद निर्णय: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को किसानों को राहत देते हुए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 6.59 प्रतिशत बढ़ाकर ₹2,585 प्रति क्विंटल कर दिया है। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।
किसानों के लिए महत्वपूर्ण कदम
किसानों के लिए यह एक बड़ी खुशखबरी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में 6.59% की वृद्धि को मंजूरी दी गई है। अब मार्केटिंग ईयर 2026-27 के लिए गेहूं का MSP बढ़ाकर ₹2,585 प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो पिछले वर्ष के ₹2,425 प्रति क्विंटल से ₹160 अधिक है। यह निर्णय किसानों की आय में वृद्धि और रबी फसल की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
गेहूं भारत की प्रमुख रबी फसल है, जिसकी बुवाई आमतौर पर अक्टूबर के अंत में शुरू होती है और मार्च तक कटाई होती है। रबी सीजन में गेहूं के अलावा ज्वार, जौ, चना और मसूर जैसी अन्य फसलें भी शामिल होती हैं। नया मार्केटिंग ईयर अप्रैल 2026 से शुरू होगा, हालांकि सरकारी खरीद का अधिकांश कार्य जून तक पूरा कर लिया जाता है।
गेहूं का उत्पादन लक्ष्य
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट बैठक के बाद बताया कि सरकार ने 2026-27 मार्केटिंग ईयर के लिए छह रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) मंजूर किया है। इसमें गेहूं का MSP बढ़ाकर ₹2,585 प्रति क्विंटल किया गया है। यह निर्णय कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों के आधार पर लिया गया है। सरकार ने 2025-26 फसल वर्ष के लिए गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन लक्ष्य 119 मिलियन टन निर्धारित किया है, जबकि पिछले वर्ष का अनुमानित उत्पादन 117.5 मिलियन टन रहा था। सरकार का उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि के साथ-साथ देश में गेहूं की पर्याप्त आपूर्ति और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
MSP में ₹160 की वृद्धि का सीधा लाभ किसानों को मिलेगा। इससे उन्हें सरकारी खरीद के दौरान अधिक दाम प्राप्त होंगे और फसल की लागत का बोझ भी कुछ हद तक कम होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से किसानों की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी, जिससे वे अगले रबी सीजन में अधिक निवेश कर सकेंगे और उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रेरित होंगे।