कीव पर रूस का सबसे बड़ा हवाई हमला: 550 ड्रोन और मिसाइलें दागी गईं

रूस का कीव पर हवाई हमला
कीव पर हवाई हमले की जानकारी: रूस ने शुक्रवार को यूक्रेन की राजधानी कीव पर अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला किया। यूक्रेन की वायु सेना के अनुसार, इस हमले में कुल 550 ड्रोन और मिसाइलें दागी गईं, जिनमें से अधिकांश ईरान निर्मित 'शाहिद' ड्रोन थे। इस हमले में कम से कम 23 नागरिक घायल हुए, जिनमें से 14 को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। हमले के कारण राजधानी के कई क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है.
हमले की रात की स्थिति
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कीव में रातभर ड्रोन की आवाजें, विस्फोट और मशीन गन की फायरिंग सुनाई देती रही। यूक्रेनी सेना ने हमले को रोकने के लिए पूरी ताकत झोंक दी। कीव के मेयर विटाली क्लिट्स्को ने बताया कि यह हमला शहर के कई हिस्सों को प्रभावित करने वाला था और इसका मुख्य निशाना नागरिक इन्फ्रास्ट्रक्चर था.
नुकसान की जानकारी
इमारतों और गाड़ियों को नुकसान: यूक्रेनी वायु रक्षा प्रणाली ने 270 लक्ष्यों को नष्ट किया, जिनमें दो क्रूज मिसाइलें भी शामिल थीं। इसके अलावा, 208 लक्ष्य रडार से गायब हो गए, जिन्हें यूक्रेनी अधिकारियों ने 'जाम' कर दिए जाने की संभावना जताई है। इंटरसेप्ट किए गए ड्रोन का मलबा राजधानी में कम से कम 33 स्थानों पर गिरा, जिससे कई इमारतों और गाड़ियों को नुकसान पहुंचा.
हमले के लक्ष्यों की जानकारी
हमले में निशाने पर: रूसी सेना ने 9 मिसाइलों और 63 ड्रोन का उपयोग करते हुए आठ अलग-अलग स्थानों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया। इन हमलों का उद्देश्य यूक्रेन की सैन्य और ऊर्जा संरचनाओं को नुकसान पहुंचाना बताया गया है.
ट्रंप और पुतिन की बातचीत
महत्वपूर्ण बातचीत: इसी बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच एक कॉल हुई। ट्रंप ने संवाददाताओं को बताया कि बातचीत लंबी थी और इसमें ईरान और यूक्रेन युद्ध जैसे मुद्दे शामिल थे। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बातचीत में शांति प्रक्रिया को लेकर कोई ठोस प्रगति नहीं हुई.
पुतिन का सैन्य रुख
सैन्य उद्देश्यों पर अडिग: ट्रंप ने कहा, “मैं इस युद्ध से खुश नहीं हूं, लेकिन आज की बातचीत में कोई सफलता नहीं मिली।” दूसरी ओर, अल जज़ीरा की एक रिपोर्ट के अनुसार, पुतिन ने अपनी पुरानी स्थिति दोहराते हुए कहा कि रूस अपने "सैन्य उद्देश्यों से पीछे नहीं हटेगा" और युद्ध के "मूल कारणों को समाप्त करने" की दिशा में रूस का रुख अडिग है.