कुपवाड़ा में भारतीय सेना ने घुसपैठ की कोशिश को किया विफल

कुपवाड़ा में घुसपैठ की कोशिश नाकाम
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर घुसपैठ की एक कोशिश को सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया है, जिसमें दो आतंकवादियों को मार गिराया गया।
अधिकारियों के अनुसार, सेना के जवानों ने नियंत्रण रेखा पर संदिग्ध गतिविधियों का पता लगाया।
उन्होंने बताया, "आतंकवादियों के एक समूह के घुसपैठ की कोशिश को विफल करने के दौरान लगातार गोलीबारी हुई। इस ऑपरेशन में अब तक दो आतंकवादी मारे गए हैं।"
अधिकारियों ने आगे की जानकारी का इंतजार करने की बात कही।
इस सर्दी में भारी बर्फबारी के कारण पहाड़ी दर्रे बंद होने से पहले, सेना और सुरक्षा बल मिलकर नियंत्रण रेखा और भीतरी क्षेत्रों पर चौकसी रख रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, आतंकवादी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में लॉन्च पैड पर मौजूद हैं, ताकि पहाड़ी दर्रे बंद होने से पहले भारतीय सीमा में घुसपैठ कर सकें।
अधिकारियों ने बताया कि घुसपैठ की कोशिश में शामिल आतंकवादियों की संख्या हमेशा बदलती रहती है, लेकिन यह संख्या लगभग 100 के आसपास हो सकती है।
सेना, सुरक्षा बल और जम्मू-कश्मीर पुलिस आतंकवादियों, उनके सहयोगियों और समर्थकों को निशाना बनाकर आतंकवाद-रोधी अभियान चला रहे हैं।
सेना नियंत्रण रेखा की सुरक्षा करती है, जबकि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) अंतर्राष्ट्रीय सीमा की रक्षा करता है।
जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा की लंबाई 740 किलोमीटर है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय सीमा 240 किलोमीटर लंबी है। नियंत्रण रेखा घाटी के बारामूला, कुपवाड़ा, बांदीपोरा और जम्मू जिले के कुछ हिस्सों में फैली हुई है।
आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए हथियारों, गोला-बारूद, ड्रग्स और नकदी से भरे ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है। ये सामग्री आतंकवादियों के सक्रिय सदस्यों और उनके सहयोगियों द्वारा उठाई जाती है।
बीएसएफ और सेना ने ड्रोन के खतरे से निपटने के लिए विशेष ड्रोन-रोधी उपकरणों को तैनात किया है।