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कुपवाड़ा में सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को किया ढेर

जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में सुरक्षाबलों ने दो आतंकवादियों को मार गिराया है, जो नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे। इस कार्रवाई के बाद इलाके में तलाशी अभियान जारी है, जिसमें अन्य आतंकियों की मौजूदगी की आशंका जताई जा रही है। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और सुरक्षा बलों की तैयारियों के बारे में।
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कुपवाड़ा में सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को किया ढेर

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का सामना


श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में सुरक्षाबलों ने आज दो आतंकवादियों को मार गिराया। ये आतंकवादी नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे। अधिकारियों के अनुसार, सेना ने संदिग्ध गतिविधियों का पता लगाया और घुसपैठियों के समूह को चुनौती दी।


तलाशी अभियान जारी

आतंकवादियों ने आत्मसमर्पण करने के बजाय सेना पर गोलीबारी की, जिसके जवाब में सेना ने कार्रवाई की और इस दौरान दो आतंकवादी मारे गए। अधिकारियों ने बताया कि इलाके में अन्य आतंकियों की मौजूदगी की आशंका के चलते तलाशी अभियान जारी है। जम्मू-कश्मीर में एलओसी पर ठंड के मौसम में भारी बर्फबारी के कारण पहाड़ी दर्रे बंद होने से पहले घुसपैठ की कोशिशों को विफल करने के लिए सेना और अन्य सुरक्षा बल 24 घंटे निगरानी रख रहे हैं।


पीओके में आतंकियों की गतिविधियाँ

सूत्रों के अनुसार, आतंकवादी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में लॉन्च पैड्स पर घात लगाए बैठे हैं, ताकि भारतीय सीमा में घुसपैठ कर सकें। अधिकारियों का कहना है कि घुसपैठ की कोशिश करने वाले आतंकियों की संख्या लगभग 100 हो सकती है। सेना, सुरक्षा बल और जम्मू-कश्मीर पुलिस आतंकवादियों और उनके सहयोगियों के खिलाफ आक्रामक अभियान चला रहे हैं।


नियंत्रण रेखा की सुरक्षा

जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा की लंबाई 740 किलोमीटर है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय सीमा 240 किलोमीटर लंबी है। सेना नियंत्रण रेखा की सुरक्षा करती है, जबकि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) अंतर्राष्ट्रीय सीमा की रक्षा करता है। नियंत्रण रेखा बारामूला, कुपवाड़ा, बांदीपोरा और जम्मू जिलों के कुछ हिस्सों में फैली हुई है।


ड्रोन-रोधी उपाय

आतंकवादी जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए ड्रोन का उपयोग कर रहे हैं, जिनमें हथियार, गोला-बारूद, ड्रग्स और नकदी शामिल हैं। बीएसएफ और सेना ने इन ड्रोन के खतरे से निपटने के लिए विशेष ड्रोन-रोधी उपकरण तैनात किए हैं।