कुरुक्षेत्र गीता महोत्सव में बॉलीवुड सितारों की विशेष प्रस्तुतियां
कुरुक्षेत्र गीता महोत्सव: लोक संस्कृति को संजीवनी
कुरुक्षेत्र (Kurukshetra Gita Mahotsav): अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव देश के विभिन्न हिस्सों की लुप्त होती लोक संस्कृति को पुनर्जीवित कर रहा है। इस महोत्सव की बढ़ती लोकप्रियता के साथ, बॉलीवुड के कई कलाकार भी इसमें भाग लेने लगे हैं।
पिछले एक दशक में, कई प्रसिद्ध फिल्मी सितारे अपनी अदाकारी का जादू बिखेर चुके हैं। इस बार, मशहूर अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरे अपने अभिनय से महोत्सव में चार चांद लगाएंगी।
महोत्सव के पहले दिन, गीता ग्रुप ऑफ आर्ट्स के सहयोग से, वे भगवान श्रीकृष्ण की जीवन लीलाओं को नृत्य नाटिका के माध्यम से प्रस्तुत करेंगी।
उनकी श्रीकृष्ण पर आधारित नृत्य नाटिका दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय है। पिछले वर्ष, उनके भक्ति भजन 'मैं तेरी आंखों में डूबी रहूं मेरे कन्हैया' ने भी खूब सुर्खियां बटोरी थीं।
विशेष प्रस्तुतियों की सूची
Kurukshetra Gita Mahotsav: ये भी देंगे खास प्रस्तुति
25 नवंबर - पंजाबी भजन गायक कंवर ग्रेवाल गीता का संदेश सूफी अंदाज में देंगे।
26 नवंबर - महाभारत के दुर्योधन और अभिनेता पुनीत इस्सर नाटिका प्रस्तुत करेंगे।
27 नवंबर - सुरेश वाडेकर भजनों के माध्यम से गीता का संदेश देंगे।
28 नवंबर - रामायण पर आधारित नाट्य प्रस्तुति होगी।
29 नवंबर - प्रसिद्ध कवि डॉ. हरिओम पंवार और अन्य कवि अपनी प्रस्तुति देंगे।
30 नवंबर - साध्वी पूर्णिमा का आध्यात्मिक प्रवचन और भक्ति गान होगा।
01 दिसंबर - प्रसिद्ध भजन गायक अनूप जलोटा मुख्य कार्यक्रम के अंतिम दिन प्रस्तुति देंगे।
बॉलीवुड के कलाकारों की अदाकारी
बॉलीवुड के ये कलाकार दिखा चुके अभिनय
पिछले वर्ष, 'मैंने प्यार किया' फिल्म से अपने करियर की शुरुआत करने वाली अभिनेत्री मीनाक्षी शेषाद्री ने द्रौपदी नृत्य ड्रामा प्रस्तुत किया, जिसे दर्शकों ने बेहद सराहा।
2019 में, अभिनेत्री अमीषा पटेल ने देवी रुक्मिणी के विवाह पर आधारित नृत्य नाटिका प्रस्तुत की थी, जिसमें उन्होंने रुक्मिणी का और अर्पित शर्मा ने श्रीकृष्ण का किरदार निभाया था। 2016 में, ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी ने भी महोत्सव में द्रौपदी नृत्य की प्रस्तुति दी थी।
पिछले वर्ष, अभिनेता आशुतोष राणा ने महोत्सव में 'हमारे राम' नाटक प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने रावण के जटिल चरित्र को दर्शाया। नाटक के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि मनुष्य के भीतर राम और रावण दोनों हैं, और यह उस व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह किसे प्राथमिकता देता है।
