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कुरुक्षेत्र नहर हादसा: रक्षाबंधन से पहले दो भाईयों की दुखद मौत

कुरुक्षेत्र के गांव बपदी में रक्षाबंधन से पहले एक दुखद नहर हादसे ने दो परिवारों को शोक में डाल दिया। प्रदीप और साहिल नाम के दो भाई नहर में नहाते समय बह गए। इस घटना ने पूरे गांव को झकझोर दिया है, खासकर जब परिवार त्योहार की तैयारी कर रहा था। पुलिस और गोताखोरों की टीम उनकी तलाश में जुटी है। यह हादसा नहरों में नहाने के खतरों को एक बार फिर उजागर करता है।
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कुरुक्षेत्र नहर हादसा: रक्षाबंधन से पहले दो भाईयों की दुखद मौत

कुरुक्षेत्र नहर में हुई दुर्घटना

कुरुक्षेत्र नहर हादसा: रक्षाबंधन से पहले दो भाईयों की दुखद मौत ने गांव बपदी में दो परिवारों की खुशियों को गहरे शोक में बदल दिया है। शुक्रवार शाम को, प्रदीप और साहिल नाम के दो युवक लाडवा-हिनौरी मार्ग पर स्थित पश्चिमी यमुना नहर में नहाते समय तेज बहाव में बह गए। यह घटना तब हुई जब वे अपने दोस्त कुलदीप के साथ नहर के किनारे पहुंचे थे।


तीनों दोस्तों ने वहां बैठकर शराब का सेवन किया और फिर प्रदीप और साहिल नहर में उतर गए। कुलदीप किनारे पर बैठा रहा, लेकिन कुछ ही समय बाद दोनों युवक पानी की तेज धारा में बह गए। कुलदीप ने तुरंत शोर मचाया और पुलिस को सूचित किया। (पुलिस खोज अभियान) शुरू हुआ, लेकिन रात तक कोई सफलता नहीं मिली।


गांव में शोक का माहौल

गांव बपदी में शोक का माहौल है। प्रदीप चार भाई-बहनों में सबसे छोटा था। उसकी दो बहनें शादीशुदा हैं और एक भाई पहले ही गुजर चुका है। प्रदीप के तीन छोटे बच्चे हैं — एक बेटी और दो बेटे। उसकी बहन रानी राखी के लिए मायके आई थी, लेकिन भाई की मौत की खबर सुनकर वह बेहोश हो गई।


वहीं, साहिल अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। उसकी छह साल की छोटी बहन राखी बांधने की तैयारी कर रही थी। लेकिन अब घर में सिर्फ आंसू और सन्नाटा है। माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। (रक्षाबंधन की त्रासदी) ने पूरे गांव को झकझोर दिया है।


पुलिस जांच और गोताखोरों की तलाश

थाना प्रभारी सुनील वत्स ने बताया कि पुलिस ने घटनास्थल से युवकों के कपड़े और मोटरसाइकिल को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। गोताखोरों की मदद से (नहर में डूबे युवक) की तलाश जारी है। तेज बहाव के कारण चुनौती बढ़ गई है, लेकिन प्रशासन पूरी कोशिश कर रहा है।


यह हादसा एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करता है कि नहरों में नहाना कितना खतरनाक हो सकता है। खासकर त्योहारों के समय जब परिवार एकजुट होने की उम्मीद करता है, ऐसे हादसे दिल तोड़ देते हैं।