कुरुक्षेत्र पॉक्सो मामले में पिता को मिली सजा, नाबालिग बेटी का यौन उत्पीड़न साबित
कुरुक्षेत्र पॉक्सो केस: पिता की सजा और पीड़िता का दर्द
कुरुक्षेत्र में पॉक्सो मामले में एक चौंकाने वाला निर्णय सामने आया है। हरियाणा की एक अदालत ने एक पिता को अपनी नाबालिग बेटी के यौन उत्पीड़न का दोषी ठहराया है।
उसे सात साल की कैद की सजा सुनाई गई है, साथ ही 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। यह मामला 2021 में दर्ज हुआ था, जब पीड़िता की चाची ने शिकायत की थी। यह घटना बेहद दिल दहला देने वाली है।
घटना का विवरण: चाची की शिकायत से हुआ खुलासा
30 अप्रैल 2021 को पिहोवा पुलिस क्षेत्र की एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई। उसने बताया कि उसकी जेठानी अपने पति को छोड़कर चली गई थी।
जेठ की तीन साल की बेटी उनके साथ रहती थी। 29 अप्रैल 2021 की रात 10 बजे बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दी। जब महिला ने जाकर देखा, तो पाया कि आरोपी पिता अपनी नाबालिग बेटी का यौन उत्पीड़न कर रहा था। महिला की शिकायत के बाद मामला दर्ज किया गया।
पुलिस कार्रवाई और जांच: सच्चाई का खुलासा
पिहोवा सदर थाना पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत मामला दर्ज किया। जांच महिला निरीक्षक प्रकाश कौर को सौंपी गई।
नाबालिग का मेडिकल चेकअप कराया गया, जिसमें सबूतों ने पिता को दोषी साबित किया। जिला न्यायवादी मेनपाल राणा ने बताया कि जांच में कोई कमी नहीं थी। हरियाणा में यह मामला गंभीरता से लिया गया है।
अदालत का निर्णय: सजा और जुर्माना
फास्ट ट्रैक कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए पिता को नाबालिग बेटी के यौन उत्पीड़न का दोषी ठहराया। उसे सात साल की कैद की सजा दी गई।
साथ ही, 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। यदि जुर्माना नहीं भरा गया, तो छह महीने की अतिरिक्त कैद का सामना करना पड़ेगा। यह फैसला नाबालिगों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
समाज के लिए संदेश: सजा का महत्व
कुरुक्षेत्र पॉक्सो केस ने समाज को झकझोर दिया है। इस मामले से यह स्पष्ट होता है कि नाबालिगों के खिलाफ अपराध बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।
हरियाणा में पॉक्सो के तहत यह कार्रवाई एक मिसाल है। लोग अब नाबालिगों की सुरक्षा की बात कर रहे हैं। यह मामला अपराध समाचार में चेतावनी के रूप में उभरा है।
