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कुरुक्षेत्र में किसान ने स्टेट हाईवे पर दीवार बनाकर किया कब्जा

हरियाणा के कुरुक्षेत्र में एक किसान ने स्टेट हाईवे नंबर 6 पर दीवार बनाकर सड़क पर कब्जा कर लिया है। किसान का आरोप है कि पीडब्ल्यूडी ने उसकी जमीन पर सड़क बना दी थी और उसे मुआवजा नहीं मिला। इस घटना के कारण सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। जानें इस मामले में किसान की कहानी और कोर्ट के आदेशों की अनदेखी के बारे में।
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कुरुक्षेत्र में किसान ने स्टेट हाईवे पर दीवार बनाकर किया कब्जा

किसान ने सड़क पर दीवार बनाकर किया कब्जा

कुरुक्षेत्र, हरियाणा में एक किसान ने स्टेट हाईवे नंबर 6 पर दीवार बनाकर सड़क पर कब्जा कर लिया है। किसान ने ट्रैक्टर ट्रॉली को सड़क पर अड़ाकर दीवार का निर्माण शुरू किया, जिससे दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। घटना की जानकारी मिलते ही नायब तहसीलदार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे।


किसान को समझाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन वह रास्ता खोलने के लिए तैयार नहीं है। किसान का कहना है कि पीडब्ल्यूडी ने 1987 में उसकी जमीन पर सड़क बना दी थी और उसने तीन बार कोर्ट में जीत हासिल की है, लेकिन अब तक उसे मुआवजा नहीं मिला है।


सिविल कोर्ट ने मुआवजे का दिया था आदेश

बलविंद्र सिंह, जो अमृतसरी फार्म का निवासी है, ने बताया कि उसकी 22 मरले जमीन पर बिना मुआवजे के सड़क बना दी गई। उसने 2006 में सिविल कोर्ट में मामला दायर किया था। 2013 में पिहोवा कोर्ट ने आदेश दिया कि या तो किसान को मुआवजा दिया जाए या सड़क को हटाया जाए।


सरकार को हाईकोर्ट से भी नहीं मिली राहत

बलविंद्र ने आगे बताया कि जब सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की, तो उन्होंने कोर्ट में एक्जीक्यूशन फाइल की। 2018 में कोर्ट ने कब्जा दिलवाया, लेकिन सरकार ने हाईकोर्ट में अपील की, जो खारिज हो गई। 2023 में उसने सड़क पर कब्जा लेने की कोशिश की।


एसडीएम ने मुआवजे का आश्वासन दिया था

एसडीएम ने कहा था कि वह 2-4 दिन में मुआवजे की राशि देंगे। उनके आश्वासन पर बलविंद्र ने सड़क से ईंटें हटाईं, लेकिन इसके बाद भी मुआवजा नहीं मिला और सरकार कोर्ट में चली गई। बलविंद्र ने मंगलवार सुबह अपने साथियों के साथ सड़क पर ट्रैक्टर-ट्रॉली लगाकर दीवार खड़ी कर दी। नायब तहसीलदार ने समझाने की कोशिश की, लेकिन किसान ने कब्जा नहीं छोड़ा।


सरकार ने कोर्ट के आदेशों की अनदेखी की

बलविंद्र के वकील मिथुन अत्रि ने बताया कि सरकार ने बार-बार कोर्ट के आदेशों की अनदेखी की है। कई बार आश्वासन दिए गए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब सेशन कोर्ट से भी सरकार की अपील खारिज हो चुकी है।