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कुरुक्षेत्र में किसानों का धरना: केबल चोरी पर पुलिस की लापरवाही का आरोप

कुरुक्षेत्र में किसानों ने केबल चोरी के खिलाफ धरना दिया, जिसमें उन्होंने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया। प्रदर्शन के दौरान, किसानों ने पुलिस के SHO के साथ तीखी बहस की और उच्च अधिकारियों से कार्रवाई की मांग की। DSP ने स्थिति को संभालते हुए जांच का आश्वासन दिया, जबकि पुलिस ने अपनी कार्रवाई का बचाव किया। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और किसानों की मांगें।
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कुरुक्षेत्र में किसानों का धरना: केबल चोरी पर पुलिस की लापरवाही का आरोप

किसानों का प्रदर्शन और केबल चोरी का मामला

कुरुक्षेत्र में किसान धरना: केबल चोरी पर पुलिस की लापरवाही का आरोप: कुरुक्षेत्र में किसानों का धरना अब एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। पिहोवा के भौर सैयदां गांव में किसानों ने कुरुक्षेत्र-पिहोवा मार्ग को अवरुद्ध कर दिया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि खेतों से लगातार केबल चोरी हो रही है और पुलिस इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।


किसानों का आरोप और पुलिस की कार्रवाई

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता प्रिंस वड़ैच ने बताया कि 1 अगस्त को डीएसपी को ज्ञापन सौंपा गया था, लेकिन न तो FIR दर्ज की गई और न ही किसी की गिरफ्तारी हुई। किसानों ने बीती रात खुद दो चोरों को रंगे हाथ पकड़ा और पुलिस को सौंप दिया, साथ ही उस कबाड़ी को भी पकड़ा जिसने चोरी का सामान बेचा था।


SHO पर आरोप और DSP का हस्तक्षेप

SHO पर बदसलूकी का आरोप: धरने के दौरान थाना सदर पिहोवा के SHO जगदीश कुमार और किसानों के बीच तीखी बहस हुई। किसानों ने SHO पर बदसलूकी का आरोप लगाया और उनकी मांगों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। उन्होंने उच्च अधिकारियों से कार्रवाई की मांग की और चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे थाने का घेराव करेंगे।


DSP का आश्वासन और पुलिस की सफाई

DSP निर्मल सिंह ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला और किसानों से बातचीत की। उन्होंने आश्वासन दिया कि मामले की जांच की जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, किसान कबाड़ी से हुए नुकसान की भरपाई की मांग पर अड़े रहे।


पुलिस का बयान

SHO जगदीश कुमार ने अपनी सफाई में कहा कि वे कानून के अनुसार कार्रवाई कर रहे हैं। चोरों के खिलाफ FIR दर्ज की जा चुकी है और उन्हें गिरफ्तार किया गया है। कबाड़ी को भी हिरासत में लिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आरोपियों से बरामदगी के बाद ही भरपाई संभव है।