कुरुक्षेत्र में गीता जयंती 2025 का भव्य महोत्सव शुरू
कुरुक्षेत्र में गीता महोत्सव का आगाज
कुरुक्षेत्र | धर्मनगरी कुरुक्षेत्र आज से एक बार फिर भक्ति और संस्कृति के रंग में रंगने वाली है। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव (International Gita Mahotsav) का आगाज आज यानी 15 नवंबर से हो रहा है और इस बार ये महोत्सव कई मायनों में सबसे खास होने वाला है।
कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड, हरियाणा सरकार और विदेश मंत्रालय ने इसे भव्य बनाने की पूरी तैयारी कर ली है। सबसे बड़ी खासियत होगी “दिव्य गीता ज्योति” जो पूरे महोत्सव के दौरान ब्रह्मसरोवर तट पर जलती रहेगी। दुनिया के कोने-कोने तक इस बार गीता महोत्सव की गूंज सुनाई देगी!
धर्मनगरी की रोशनी
रोशनी से जगमगा उठी धर्मनगरी Gita Jayanti 2025
देश-विदेश से आने वाले शिल्पकारों और कलाकारों के स्वागत के लिए पूरा शहर सज-धज कर तैयार है। ब्रह्मसरोवर के किनारे सैकड़ों स्टॉल लग चुके हैं, मंच सजे हैं और शाम होते ही रंग-बिरंगी लाइटों से पूरा इलाका चमक उठता है। सड़कें, दीवारें, चौक-चौराहे – हर तरफ सुंदर चित्रकारी और सजावट की गई है। शाम ढलते ही कुरुक्षेत्र किसी दुल्हन की तरह दमकने लगता है!
हरियाणा के राज्यपाल श्री असीम घोष आज 15 नवंबर को सरस और शिल्प मेले का उद्घाटन करेंगे। इसी के साथ अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव भी शुरू हो जाएगा। राज्यपाल गीता पूजन भी करेंगे। दूर-दराज से आए शिल्पकार गुरुवार देर रात से ही ब्रह्मसरोवर तट पर पहुँचने लगे थे।
महाभारत थीम पर सजावट
महाभारत थीम पर सजा पूरा शहर
इस बार महोत्सव में आने वाले हर श्रद्धालु का दिल महाभारत थीम वाली भव्य पेंटिंग्स देखकर खुश हो जाएगा। पिपली जीटी रोड, केबीडी ऑफिस के सामने और शहर की खाली दीवारों पर महाभारत के दृश्य उकेरे गए हैं। आसपास के इलाकों का सौंदर्यीकरण किया गया है और साफ-सफाई का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। जगह-जगह स्वच्छता का संदेश भी दिया जा रहा है।
विशेष कार्यक्रम
आज से ये सब रहेगा खास
15 नवंबर से ही रोजाना सुबह ब्रह्मसरोवर पर श्रीमद्भगवत गीता पाठ और यज्ञ होगा। मेला क्षेत्र में बच्चों के लिए मनोरंजन झूले लगे हैं। शाम 4:30 बजे भजन संध्या और आरती होगी। उसके बाद शाम 6:15 बजे ज्योतिसर में महाभारत और गीता पर आधारित लाइट एंड साउंड शो चलेगा।
रात 7 बजे ज्योतिसर में ही थ्रीडी मैपिंग के जरिए विश्व स्वरूप पर शानदार लाइट शो होगा। पूरा दिन भक्ति, संस्कृति और मस्ती का माहौल रहेगा!
