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कुलगाम में आतंकवाद विरोधी अभियान में दो जवान शहीद, कार्रवाई जारी

कुलगाम जिले में चल रहे आतंकवाद विरोधी अभियान में दो जवान शहीद हो गए हैं। यह अभियान 9वें दिन में प्रवेश कर चुका है, जिसमें सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच लगातार मुठभेड़ जारी है। जानें इस ऑपरेशन की पूरी जानकारी, शहीद जवानों की पहचान और सुरक्षा बलों की रणनीति के बारे में।
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कुलगाम में आतंकवाद विरोधी अभियान में दो जवान शहीद, कार्रवाई जारी

कुलगाम में आतंकवाद विरोधी अभियान

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले के अखल देवसर वन क्षेत्र में चल रहे आतंकवाद विरोधी अभियान में सेना के दो जवान शहीद हो गए और 2 अन्य घायल हो गए। यह अभियान शनिवार को 9वें दिन में प्रवेश कर गया। 


सेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के अखल वन क्षेत्र में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी शुक्रवार रात भर जारी रही, जिसमें दो सैन्यकर्मी शहीद हो गए और दो अन्य घायल हो गए।


शुक्रवार रात को हुई भीषण गोलीबारी में चार जवान घायल हुए, जिनमें से दो की बाद में मौत हो गई। शहीद सैनिकों की पहचान 19 राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) के कांस्टेबल हरमिंदर सिंह और लांस नायक प्रीतपाल सिंह के रूप में हुई है।


चिनार कोर ने सोशल मीडिया पर कहा, “हम अपने वीर सैनिकों, लांस नायक प्रीतपाल सिंह और सिपाही हरमिंदर सिंह के बलिदान को सम्मान देते हैं। उनका साहस और समर्पण हमें प्रेरित करेगा। भारतीय सेना शोकग्रस्त परिवारों के साथ खड़ी है।


यह ऑपरेशन घाटी में चल रही सबसे लंबी कार्रवाई है, जो 9वें दिन में प्रवेश कर चुकी है। पहले दिन की गोलीबारी में एक स्थानीय आतंकवादी मारा गया और चार सैनिक घायल हुए।


अधिकारियों ने बताया कि यह क्षेत्र घना जंगल है, इसलिए ऑपरेशन में समय लग सकता है। जम्मू-कश्मीर में पिछले दो दशकों की सबसे लंबी आतंकवाद विरोधी कार्रवाई शनिवार को 9वें दिन में प्रवेश कर गई।


डीजीपी नलिन प्रभात इस ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं, जिसमें सेना और सीआरपीएफ मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने शुक्रवार को इस क्षेत्र का दौरा किया।


सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पिछले शुक्रवार को इस क्षेत्र में कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन (सीएएसओ) शुरू किया था। आतंकियों को भागने से रोकने के लिए रुद्रा हेलीकॉप्टर, ड्रोन और पैरा कमांडो तैनात किए गए हैं।


सुरक्षा बल आतंकियों के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई कर रहे हैं, जबकि सेना नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पूरी तरह सतर्क है।


22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद, सुरक्षा बल आतंकियों और उनके समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। ड्रग तस्कर और हवाला रैकेट भी निशाने पर हैं, क्योंकि इनसे मिलने वाला पैसा आतंकवाद को बढ़ावा देने में इस्तेमाल होता है।


सुरक्षा बलों का लक्ष्य केवल आतंकियों को मारना नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के पूरे तंत्र को खत्म करना है।