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कुल्लू दशहरा विवाद: तहसीलदार की पिटाई, देवता के अनुयायियों का गुस्सा

कुल्लू दशहरा उत्सव के पहले दिन तहसीलदार हरि सिंह यादव को देवता भृगु ऋषि के शिविर में जूतों के साथ प्रवेश करने पर अनुयायियों ने पीट दिया। इस घटना ने विवाद को जन्म दिया, जिसमें तहसीलदार को माफी मांगनी पड़ी। विधायक सुरेंद्र शौरी ने तहसीलदार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल।
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कुल्लू दशहरा विवाद: तहसीलदार की पिटाई, देवता के अनुयायियों का गुस्सा

कुल्लू दशहरा विवाद

कुल्लू दशहरा विवाद: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में दशहरा उत्सव के पहले दिन एक विवादास्पद घटना हुई। तहसीलदार हरि सिंह यादव को देवता भृगु ऋषि के शिविर में जूतों के साथ प्रवेश करने पर भीड़ ने पीट दिया। देव परंपरा के अनुसार, शिविर में जूते पहनकर जाना अपमान माना जाता है, जिससे अनुयायी भड़क उठे। उन्होंने तहसीलदार को पकड़कर बाहर खींच लिया, इस दौरान उनके कपड़े भी फट गए और धक्का-मुक्की हुई।


स्थानीय लोगों का आरोप है कि तहसीलदार ने देव समाज को नीचा दिखाने की कोशिश की और कहा कि अगले वर्ष देवता को निमंत्रण नहीं दिया जाएगा। इस बयान ने अनुयायियों का गुस्सा और बढ़ा दिया। ग्राम पंचायत रतोचा के उपप्रधान रिंकु शाह ने बताया कि पिछले साल भी तहसीलदार ने इसी तरह का व्यवहार किया था, जिसके बाद शुद्धिकरण करना पड़ा था।


घटना का वीडियो सामने आया

घटना का वीडियो भी वायरल हो गया है, जिसमें तहसीलदार को कॉलर से पकड़े जाने और धक्का-मुक्की की स्थिति स्पष्ट दिखाई दे रही है। तहसीलदार ने फोन करने की कोशिश की, लेकिन अफरा-तफरी के कारण बात नहीं हो पाई। विवाद के बाद, तहसीलदार को देवता के सामने माफी मांगनी पड़ी। हालांकि, इस मामले में पुलिस को अभी तक कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली है।



तहसीलदार पर गंभीर आरोप

कुल्लू के बंजार से भाजपा विधायक सुरेंद्र शौरी ने तहसीलदार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि 2023 में तहसीलदार ने 18 देवी-देवताओं के तंबू उखाड़ दिए थे। शौरी ने विधानसभा में उनके खिलाफ प्रिविलेज मोशन लाने की बात कही और कार्रवाई की प्रक्रिया की जानकारी दी। उन्होंने कांग्रेस सरकार से सवाल किया कि ऐसे अधिकारी को कुल्लू में क्यों रखा गया है।


सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

घटना के दौरान सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं। दशहरा उत्सव में 1200 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात थे, लेकिन मौके पर कोई नहीं था। यह भी चर्चा का विषय है कि जब अधिकारी पर भीड़ ने हमला किया, तो पुलिस ने हस्तक्षेप क्यों नहीं किया। फिलहाल, पुलिस ने न तो कोई केस दर्ज किया है और न ही प्रशासन की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया आई है।