कुवैत में नर्सों का बड़ा कर्ज घोटाला: केरल पुलिस ने दर्ज किए कई मामले

कुवैत में नर्सों का कर्ज घोटाला
राष्ट्रीय समाचार: कुवैत के स्वास्थ्य मंत्रालय में कार्यरत कुछ नर्सों ने शुरुआत में छोटे लोन लिए। समय पर किस्तें चुकाकर उन्होंने बैंकों का विश्वास जीता। जब उनका भरोसा बन गया, तो उन्होंने लाखों का कर्ज लिया। कुछ किस्तें चुकाने के बाद, अचानक वे कुवैत छोड़कर भारत लौट आईं। इस चालाकी ने बैंकों को बड़ा झटका दिया। अल अहली बैंक ने इन 13 नर्सों के खिलाफ ₹10.33 करोड़ का लोन डिफॉल्ट केस दर्ज किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, हर नर्स पर लगभग 61 से 91 लाख रुपये का बकाया है। इसके बाद ये नर्सें यूरोप और पश्चिमी देशों में चली गईं। वहां अच्छी सैलरी मिलने के बावजूद, उन्होंने कर्ज चुकाने से मना कर दिया। आज इनमें से कोई भी नर्स केरल में नहीं है।
केरल पुलिस की कार्रवाई
केरल पुलिस ने दर्ज किए केस
बैंक की शिकायत पर केरल पुलिस ने कोट्टायम और एर्नाकुलम ज़िलों में कई मामले दर्ज किए हैं। कोट्टायम के कुराविलंगाड, अयारकुन्नम, वेल्लोर, कदुथुरुथी, वैकोम और थलायोलपरम्बू थानों में कुल आठ मामले दर्ज हुए हैं। वहीं एर्नाकुलम के पुथेनक्रूज़, पोट्टनिकड, वरप्पुझा और अंगमाली थानों में पांच मामले दर्ज किए गए हैं।
घोटाले का पूर्व उदाहरण
पहले भी उजागर हुआ मामला
पिछले साल दिसंबर में भी इसी तरह का एक मामला सामने आया था। एक अन्य बैंक ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके तहत दस केस दर्ज हुए थे। केवल एक उधारकर्ता ने पैसे लौटाए, जबकि बाकी ने हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मांगी, जो खारिज कर दी गई। यह दर्शाता है कि विदेशों में भारतीयों द्वारा कर्ज लेकर भागने की घटनाएं बढ़ रही हैं।
हाईकोर्ट में मामला
हाईकोर्ट तक पहुंचा विवाद
अल अहली बैंक ने केरल हाईकोर्ट में याचिका दायर की कि मामले की जांच क्राइम ब्रांच करे। सरकार ने आश्वासन दिया कि जांच होगी, इसलिए कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। कुवैत के बैंक इस तरह के घोटालों से परेशान हैं। उनका कहना है कि कई पेशेवर अब इस तरीके का इस्तेमाल कर रहे हैं - पहले छोटे लोन, फिर बड़ा कर्ज और उसके बाद भाग जाना।
कड़ी कार्रवाई की तैयारी
अब होगी कड़ी कार्रवाई
रिपोर्ट के अनुसार, इन नर्सों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने की योजना बनाई जा रही है। जैसे ही वे केरल लौटेंगी, उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस ने इमिग्रेशन विभाग से संपर्क करना शुरू कर दिया है। विदेशों में पकड़ पाना मुश्किल माना जा रहा है, लेकिन इंटरनेशनल अलर्ट भेजने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
नर्सों की छवि पर असर
छवि पर पड़ा असर
केरल की नर्सें अपनी मेहनत और ईमानदारी के लिए जानी जाती हैं। लेकिन इस घोटाले ने उनकी छवि को धूमिल किया है। ईमानदार नर्सों को भी अब संदेह की नजर से देखा जा सकता है। परिवारों पर सामाजिक दबाव और शर्मिंदगी का असर पड़ रहा है। बैंक अब भारतीय कर्मचारियों को कर्ज देने में सख्ती बरत सकते हैं। यह मामला केवल पैसे का नहीं, बल्कि विश्वास का भी है।