केंद्र सरकार का बच्चों के कफ सिरप पर सख्त कदम, गुणवत्ता मानकों का पालन अनिवार्य

कफ सिरप के उपयोग पर केंद्र सरकार की नई पहल
नई दिल्ली: बच्चों में कफ सिरप के उपयोग से जुड़ी हालिया घटनाओं को देखते हुए, केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिल श्रीवास्तव ने सभी राज्यों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की, जिसमें दवा निर्माताओं को कड़ी चेतावनी दी गई। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि कंपनियां निर्धारित गुणवत्ता मानकों का पालन नहीं करती हैं, तो उनके लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे।
स्वास्थ्य सचिव ने निर्देश दिया कि सभी दवा निर्माताओं को संशोधित 'शेड्यूल एम' के तहत निर्धारित गुणवत्ता मानकों का सख्ती से पालन करना होगा। इसके साथ ही, राज्यों को दवाओं की गुणवत्ता की निगरानी बढ़ाने और किसी भी शिकायत को तुरंत IDSP-IHIP प्लेटफॉर्म पर दर्ज करने का आदेश दिया गया।
श्रीवास्तव ने आम जनता के लिए भी महत्वपूर्ण सलाह दी। उन्होंने कहा, "बच्चों में होने वाली अधिकांश खांसी हल्की होती है और समय के साथ अपने आप ठीक हो जाती है। इसलिए कफ सिरप का उपयोग केवल चिकित्सकीय सलाह पर और सोच-समझकर किया जाना चाहिए।" उन्होंने चेतावनी दी कि बच्चों को बिना जरूरत दवा देना उनकी सेहत पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।
सरकार ने राज्यों से अनुरोध किया है कि वे इस विषय पर जन-जागरूकता अभियान चलाएं ताकि बिना आवश्यकता दवाएं देने की प्रवृत्ति को रोका जा सके। यह कदम मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप से जुड़ी गंभीर घटनाओं के प्रकाश में उठाया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य भारत में निर्मित दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करना और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना है।