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केंद्र सरकार का बड़ा फैसला: अस्पतालों में जन्म प्रमाण पत्र अब माताओं को छुट्टी से पहले मिलेगा

केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके तहत अस्पतालों में जन्म लेने वाले बच्चों का बर्थ सर्टिफिकेट माताओं को छुट्टी से पहले दिया जाएगा। यह कदम नागरिकों को सरकारी सेवाओं में आसानी और पारदर्शिता प्रदान करने के लिए उठाया गया है। रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया ने सभी राज्यों को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। नए नियमों के अनुसार, बर्थ सर्टिफिकेट अब जन्म के सात दिन के भीतर जारी किया जाएगा, जिससे इसकी उपयोगिता और बढ़ जाएगी। जानें इस नए नियम के पीछे की वजह और इससे नागरिकों को क्या लाभ होगा।
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केंद्र सरकार का बड़ा फैसला: अस्पतालों में जन्म प्रमाण पत्र अब माताओं को छुट्टी से पहले मिलेगा

महत्वपूर्ण निर्णय से नागरिकों को मिलेगी सुविधा

केंद्र सरकार ने आम जनता की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब देशभर के अस्पतालों में जन्म लेने वाले बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र (बर्थ सर्टिफिकेट) माताओं को अस्पताल से छुट्टी मिलने से पहले ही प्रदान किया जाएगा। इस संबंध में रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (RGI) ने सभी राज्यों को आवश्यक निर्देश जारी किए हैं.


बर्थ सर्टिफिकेट जारी करने की प्रक्रिया

रजिस्ट्रार कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि विशेषकर उन अस्पतालों में, जहां देश के संस्थागत जन्मों का 50% से अधिक हिस्सा होता है, यह प्रक्रिया अनिवार्य होगी। जन्म के सात दिन के भीतर बर्थ सर्टिफिकेट जारी करना आवश्यक है। यह प्रमाण पत्र इलेक्ट्रॉनिक या भौतिक रूप में दिया जा सकता है। इस कदम का उद्देश्य नागरिकों को सरकारी सेवाओं में आसानी और पारदर्शिता प्रदान करना है.


बर्थ सर्टिफिकेट की बढ़ती आवश्यकता

RGI के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में बर्थ सर्टिफिकेट की उपयोगिता में काफी वृद्धि हुई है। यह दस्तावेज सरकारी नौकरी, स्कूल- कॉलेज में दाखिले, पासपोर्ट बनवाने, विवाह पंजीकरण और कई अन्य कानूनी कार्यों के लिए अनिवार्य हो गया है। 1 अक्टूबर 2023 से लागू नए संशोधन के तहत जन्म और मृत्यु का पंजीकरण अब केंद्र सरकार के पोर्टल पर कराना अनिवार्य हो गया है.


RBD अधिनियम में बदलाव

यह प्रमाण पत्र RBD (Registration of Births and Deaths) अधिनियम, 1969 की धारा 12 के अंतर्गत जारी किया जाता है। वर्ष 2023 में इस अधिनियम में महत्वपूर्ण संशोधन किया गया था। इस संशोधन के तहत बर्थ/डेथ सर्टिफिकेट के डेटा को अब सीधे नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR), राशन कार्ड, संपत्ति पंजीकरण, और मतदाता सूची जैसे दस्तावेजों में उपयोग किया जाएगा.


पिछले अलर्ट का प्रभाव

मार्च 2025 में RGI ने निजी और सरकारी अस्पतालों को चेतावनी दी थी कि वे 21 दिन के भीतर जन्म और मृत्यु का पंजीकरण अनिवार्य रूप से करें। रिपोर्ट्स में यह सामने आया था कि कुछ अस्पताल इस दिशा में लापरवाह थे। अब नए दिशा-निर्देशों के तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जन्म प्रमाण पत्र समय पर जारी हो और लोगों को सरकारी योजनाओं व सेवाओं में किसी प्रकार की बाधा न हो.